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जबलपुर। प्रदेश में अतिथि विद्वानों के मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की जबलपुर बैंच ने बड़ा फैसला सुनाया है। मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अतिथि विद्वानों के पद दूसरे अतिथि विद्वानों से नहीं भरे जाएंगे। इतना ही नहीं कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य शासन, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा सहित अन्य जिम्मेदारों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। दरअसल, अतिथि विद्वानों के पद को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसमें अतिथि विद्वानों के पद अन्य अतिथि विद्वानों द्वारा भरे जाने की अनुमति मांगी गई थी। इसको लेकर कोर्ट ने साफ कहा कि अतिथि विद्वानों की जगहों को अन्य अतिथि विद्वानों के द्वारा नहीं भरा जाएगा।
नियमित नियुक्तियों तक बने रहेंगे विद्वान
इसको लेकर कोर्ट की जबलपुर बैंच ने कहा कि जब तक नियमित नियुक्तियां नहीं हो जातीं तब तक पुराने अतिथि विद्वान ही सेवाएं देते रहेंगे। बता दें कि याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि पूर्व में निर्धारित नियम के तहत प्रदेश में अतिथि विद्वानों की नियुक्ति की गई थी। ईमानदारी से काम करने के बावजूद उन्हें हटाकर, उनकी जगह पर नए अतिथि विद्वानों की नियुक्तियां की जा रही हैं, जो कि गलत है। इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भी कहा कि ऐसा नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि यह पुराने अतिथि विद्वानों के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा। बता दें कि पिछले दिनों से लगातार कई मामले सामने आए थे जिसमें पुराने अतिथि विद्वानों को निकालकर दोबार अतिथि विद्वानों को भरा जा रहा था। इसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसी मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।