मुरादाबाद। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में कुरान से 26 आयतें हटाने से संबंधित एक जनहित याचिका लगाई थी। रिजवी ने कहा था कि कुछ आयतें ऐसी हैं जिनसे आतंकबाद को बढ़ावा मिलता है। रिजवी ने यह भी दावा किया था कि यह आयतें कुरान में बाद में जोड़ी गई हैं। अब रिजवी की इस याचिका पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग भड़क गए हैं। मुरादाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में राहत मोलाई कोमी एकता संगठन की ओर बार के पूर्व अध्यक्ष अमीरुल हसन ने वसीम रिजवी का सिर काटककर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।
इसके पहले शियाने हैदर-ए कर्रार वेलफेयर एसोसिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हसनैन जाफरी डंपी भी इसी तरह की घोषणा कर चुके हैं। शुक्रवार को जारी एक वीडियो संदेश में हसनैन जाफरी डंपी ने कहा था कि वह वसीम रिजवी के कृत्य की निंदा करते हैं। उन्होंने वसीम रिजवी के बहिष्कार के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाने का भी आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि शिया समाज के जो लोग वसीम रिजवी को अपने घर कार्यक्रमों में बुलाएंगे, उन लोगों का भी बहिष्कार किया जाएगा। बता दें कि रिजवी की याचिका के बाद काफी लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं।
जेल भेजने की मांग…
डंपी ने सरकार से मांग की है कि रिजवी ने मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को चोट पहुंचाई है। इसलिए उन्होंने रिजवी की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने कहा था कि वसीम रिजवी का काम समाज में उन्माद फैलाने जैसा है। उधर, मौलाना खालिद रशीद ने भी योगी सरकार से रिजवी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि वसीम रिजवी यजीद का वंशज है। बता दें कि रिजवी की इस याचिका के बाद अब यह मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है।