भोपाल। सरकारी अस्पतालों की हालत किसी से छिपी नहीं है, आए दिन इलाज के लिए मरीजों को परेशान होना पड़ता है। सबसे खास बात यह है कि अस्पतालों की ओपीडी के समय अधिकांश डॉक्टर मीटिंग या ट्रेनिंग का बहाना लेकर गायब रहते हैं, जिस कारण से अस्पतालों में ओपीडी में लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिलती रहती हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने एक नया फैसला किया
अस्पताल में डॉक्टरों के मौजूद नहीं रहने के कारण और समय पर इलाज नहीं मिलने से कई मरीजों की मौत तक हो जाती है। अस्पतालों के डॉक्टरों के गायब रहने की शिकायत कई बार अलग अलग जिला अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों से आती रहती है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आ रही इस शिकायत के बाद अब स्वास्थ्य मंत्री ने एक नया फैसला किया है।
मीटिंग और ट्रेनिंग में नहीं जा सकेगा
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी ने कहा कि लगातार भोपाल सहित प्रदेश भर के Government hospital अस्पतालों की ओपीडी में मरीज न मिलने की शिकायतें मिल रही थी। जिसके बाद अब फैसला लिया गया है कि ओपीडी के समय कोई भी डॉक्टर अटेंडेंस लगाकर मीटिंग और ट्रेनिंग में नहीं जा सकेगा।
ट्रेनिंग और मीटिंग आयोजित नहीं की जाएगी
स्वास्थ्य आयुक्त डॉ संजय गोयल ने प्रदेश के सभी सीएमएचओ को एक आदेश भेजा है। इस आदेश में कहा कि ओपीडी टाइम सुबह 9 से शाम 4 बजे के बीच अस्पतालों में डॉक्टर सहित स्टाफ मौजूद रहे। इस बीच डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, स्टाफ नर्स और कर्मचारियों की ट्रेनिंग और मीटिंग आयोजित नहीं की जाएगी। इसके अलावा राष्ट्रीय कार्यक्रमों का जिम्मा संभालने वाले कर्मचारियों को फील्ड में निरीक्षण के लिए मंगलवार शुक्रवार को जाना होता है।