नयी दिल्ली, 26 दिसम्बर (भाषा) सरकार ने एक सुलभ वातावरण में दिव्यांगता अध्ययन और पुनर्वास विज्ञान के सभी पहलुओं को शामिल करते हुए ‘‘अपनी तरह का पहला’’ विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है।
गत 24 दिसम्बर को जारी एक सार्वजनिक नोटिस में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत आने वाले दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए एक मसौदा विधेयक पर हितधारकों से प्रतिक्रियाएं मांगी हैं।
इस संबंध में विभाग ने कहा कि प्रस्तावित विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए एक मसौदा विधेयक यानी दिव्यांगता अध्ययन और पुनर्वास विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक, 2021 तैयार किया गया है।
विभाग ने कहा कि संसद के एक अलग अधिनियम के जरिये असम के कामरूप जिले में इस तरह का विश्वविद्यालय स्थापित करने का उसका इरादा है।
उसने कहा, ‘‘प्रस्तावित विश्वविद्यालय, अपनी तरह का पहला, एक अद्वितीय बहु-विषयक शैक्षणिक संस्थान होगा, जिसमें स्नातक स्तर तक के अनुसंधान, कार्यक्रम और पाठ्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें एक सुलभ वातावरण में दिव्यांगता अध्ययन और पुनर्वास विज्ञान के सभी पहलुओं को शामिल किया जायेगा।’’
विभाग ने दिव्यांगता अध्ययन और पुनर्वास विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक, 2021 के मसौदे पर लोगों से तीन जनवरी, 2021 तक प्रतिक्रियाएं मांगी है।
भाषा देवेंद्र मनीषा
मनीषा