Indian Railway: भारतीय रेलवे ने एक बार फिर से नई शुरुआत की है। इस बार रेलवे ने हादसों पर विराम लगाने के लिए नई शुरुआत करेगा, जिसके तहत रेलवे अब ट्रेन परिचालन के दौरान अपने लोको पायलट की हर गतिविधि की ऑडियो व वीडियो रिकार्डिंग करेगा। रेलवे ने इस निर्णय के पीछे ट्रेन हादसों पर नियंत्रण पाने का एक उपाय निकाला है। माना जा रहा है कि ऐसा करने से लोको पायलट का पूरा ध्यान ट्रेन के परिचालन पर होगा, जिससे मानवीय भूल से होने वाले हादसे नहीं होंगे। इसके माध्य से तकनीकी वजह से होने वाले हादसों पर भी नियंत्रण लगेगा।
वहीं रेलवे के इस निर्णय के बाद ट्रेन के इंजनों में क्रू वॉइस एंड वीडियो रिकार्डिंग सिस्टम (CVVRS) लगाए जा रहे हैं। सबसे इन्हें पश्चिं-मध्य रेल जबलपुर जोन के भोपाल समेत कोटा, जबलपुर मंडल के इंजनों में ये सिस्टम लगाना शुरू कर दिया गया है। इन तीन मंडलों में इलेक्ट्रिक व डीजल के 800 में से 50 इंजनों में यह सिस्टम लगाया गया है।
रेलवे इंजीनियरों ने बताया कि विमान में ब्लैक बॉक्स लगे होते हैं। ठीक उसी तरह ये सिस्टम भी काम करेगा। ये इंजन के चालू होने से बंद होने तक निरंतर काम करेगा। इसमें ऑडियो व वीडियो रिकार्डिंग 15 दिनों तक सुरक्षित रहेगी, कोई छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी।
आग लगने को छोड़कर बाकी सभी स्थिति में सुरक्षित
किसी हादसे में इंजन में आग लगने की घटना को छोड़कर अन्य किसी भी स्थिति में यह सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। लोको पायलट हालांकि इस प्रयोग को मानवीय अधिकारों के खिलाफ बता रहे हैं। वहीं, रेलवे बोर्ड के अधिकारी इसे लोको पायलटों के हित में ही मानते है। उनका कहना है यदि हादसे होते भी हैं तो तकनीकी व मानवीय वजह साफ समझ में आएगी।