Kaushalya Mata Mandir Chandkhuri: आपने देश में हर कहीं भगवान राम के मंदिर होंगे, लेकिन उनकी माता कौशल्या का मंदिर शायद ही कहीं देखने को मिला होगा। आज हम माता कौशल्या के मंदिर बारे में ही आपको बताएंगे। भारत में स्थित यह मंदिर देश का ही नहीं बल्कि विश्व का इकलौता कौशल्या माता का मंदिर है। यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मन्नत भी पूरी होती है। आइए जानते हैं मंदिर से जुड़ी अन्य मान्यताओं के बारे में….
कौशल्या माता का मंदिर छत्तीसगढ़ में रायपुर (Raipur in Chhattisgarh) से करीब 27 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव (Chandkhuri Village) में स्थित है। इसे भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मस्थली माना जाता है।
कहा जाता है रामलला का ननिहाल
126 तालाबों के लिए मशहूर चंदखुरी गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का मंदिर है। माता कौशल्या का जन्मस्थान होने के कारण इसे रामलला का ननिहाल भी कहा जाता है। इसीलिए हर साल दीपावली के अवसर पर चंदखुरी में भी भव्य उत्सव होता है। दिये जलाए जाते हैं। लोग राम की विजय और अयोध्या वापसी का जश्न मनाते हैं।
इन्हीं मान्यताओं के कारण छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ को विकसित करने को लेकर काम कर रही है। इसके तहत राज्य सरकार द्वारा 51 स्थलों का चयन किया गया है। इसके लिए लगभग 137.75 करोड़ रुपये का बजट भी तय किया गया है।
सोमवंशी राजाओं ने बनवाया था मंदिर
जानकारी के अनुसार, इस मंदिर को 8वीं शताब्दी में सोमवंशी राजाओं ने बनवाया था। लोककथाओं के मुताबिक, यहां माता कौशल्या ने राजा को सपने में दर्शन देकर कहा था कि वो इस स्थान पर मौजूद हैं। इसके बाद राजा ने उस जगह पर खुदाई करवाई तो मूर्ति मिली। बाद में राजा ने मंदिर बनवाकर मूर्ति की स्थापना की। 1973 में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था।
ऐसे मांगी जाती है मन्नत
मंदिर परिसर में सीताफल का एक पेड़ है। जिसमें पर्ची में नाम लिखकर उसे श्रीफल के साथ बांधा जाता है। मान्यता है कि, ऐसा करने से जो मन्नत मांगी जाती है वो जरूर पूरी होती है। लोग ये भी कहते हैं कि, जिस स्थान पर पेड़ है वहां पहले नागराज की बड़ी बाम्बी हुआ करती थी, मन्नतें भी नागराज ही पूरी करते हैं।