भोपाल: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले में पीडि़ता के परिवार के साथ रह रही संदिग्ध महिला का नक्सल कनेक्शन सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। जहां एसआईटी की टीम मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली महिला की तलाश में जुटी है। इसी बीच नक्सली होने का आरोप लगने पर मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर डॉ राजकुमारी बंसल ने मीडिया के सामने एक बयान जारी किया।
डॉ राजकुमारी ने बंसल न्यूज पर कहा कि ‘मेरा कोई रिश्ता नहीं है, मैं केवल आत्मीयता के तौर पर हाथरस गैंगरेप पीडि़ता के घर गई थी। राजकुमारी बंसल ने बताया कि उनको अच्छा लगा कि हमारे समाज की एक लड़की इतने दूर से आई है तो उन्होंने कहा कि बेटा एक दो दिन रूक जाओ, तो मैं रूक गई।
उन्होंने कहा कि मैं पीडि़त परिवार की आर्थिक मदद करना चाहती थी। सिर्फ पति को बताकर गई थी। इसके आगे डॉ राजकुमारी ने एसआईटी ( SIT ) की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि नक्सली कनेक्शन के पहले सबूत पेश करें, बोलना और आरोप लगाना बहुत आसान होता है। डॉ राजकुमारी बंसल ने आगे बताया कि उन्हें लगा कि उनके नंबर के साथ टेंपरिंग की जा रही है, तो उन्होंने फौरन साइबर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी।
बंसल न्यूज पर बातचीत के दौरान डॉ राजकुमारी बसंल ने कहा कि- ‘ये मेरे मान सम्मान की बात है, कैसे मुझे नक्सल कहा गया। उन्होंने कहा कि मैं फॉरेंसिक रिपोर्ट देखने गई थी, क्योंकि मैं एक्सपर्ट हूं उस विषय की। मैने कभी भाभी बनकर इन्टरव्यू नहीं दिया, मैंने कहा कि मैं बेटी हूँ।
गौरतलब है कि हाथरस कांड की जांच कर रही एसआईटी की टीम ने बताया था कि जबलपुर की रहने वाली महिला संदिग्ध नक्सली महिला पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी। एसआईटी की जांच में सामने आया है कि 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर नक्सली महिला बड़ी साजिश रच रही थी। इससे पहले पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि इस केस से जुड़े फंडिंग मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और भीम आर्मी के लिंक भी मिले हैं।