अयोध्या: राम मंदिर निर्माण में नींव भरे जाने का कार्य शुरू हो चुका है। वहीं मंदिर निर्माण में आर्थिक सहयोग की बात करें तो दानदाताओं के दान देने का सिलसिला तेजी से चल रहा है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते में अब तक एक अरब से अधिक राशि जमा हो चुकी है। मालूम हो की राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमिपूजन कर आधार शिला रखी थी। आधारशिला रखे जाने के बाद मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए देश के कोने-कोने से राम भक्त सोना, चांदी और लाखों रुपये दान दे रहे हैं। जानकारी के मुताबिक राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते में अभी तक एक अरब से भी ज्यादा की धनराशि पहुंच चुकी है।
कई संस्थान ऐसे भी है जो मंदिर निर्माण के लिए करोड़ रुपये दान दिए हैं। ट्रस्ट कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए अरबों रुपये जमा हो चुके हैं और अभी आने का क्रम लगातार चल ही रहा है। राम भक्त बड़ी तादाद में ऑनलाइन व चेक के माध्यम से दान कर रहे हैं।
राम मंदिर के भूमिपूजन के पहले ही खाते में जमा थे करोड़ों रुपये
जानकारी के मुताबिक राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद फरवरी में राम मंदिर निर्माण के लिए एसबीआई ( SBI ) में खाता खोला गया था। जिसके बाद से ही राम भक्तों ने इस दौरान साढ़े चार करोड़ रुपये की धनराशी दान स्वरूप जमा करना शुरू कर दी थी। बता दें कि, जब राम मंदिर भूमि पूजन की तारीख तय हुई तो इसमें और इजाफा हुआ। रामलाला के खाते में इस तिथि के ऐलान से पहले 20 करोड़ रुपए जमा थे। रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण के लिए दानदाताओं की ओर से दी जा रही धनराशि से रामलला अरबपति की श्रेणी में आ गए हैं।
लाखों में दानदाताओं की संख्या
ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरी ने जानकारी देते हुए बताया कि कई लोगों ने करोड़ों में दान दिया है। इनमे रामकथा वाचक संत मुरारी बापू के आह्वान पर उनके अनुयायियों ने चार दिन में 18 करोड़ की धनराशि एकत्र की है। इसमें भारत में निवास कर रहे श्रद्धालुओं ने 11 करोड़ का दान किया है जो कि रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते में हस्तान्तरित हो गया। बाकी के 7 करोड़ विदेशी मुद्रा के लिए पंजीकरण के बाद पहुंचे। उन्होंने बताया कि एक लाख तक का दान ऑनलाइन सीधे खाते में आ रहा है। एक लाख राशि का दान करने वालों की संख्या बहुत बड़ी है, जबकि इससे नीचे की राशि दान करने वालों की संख्या अनगिनत है।