इंदौर: शहर में इंसानियत शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक दस दिन की नवजात बच्ची को एक लाख बीस हजार रुपये में बचा जा रहा था। इस मामले में पुलिस ने एनजीओ की शिकायत पर कार्रवाई की और दो आरोपी एक महिला और पुरुष को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों से बच्ची को छुड़ाकर उसे चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गाय।
दरअसल, एक एनजीओ (NGO) की तरफ से पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपित महिला शिल्पा अपने साथी बबलु के साथ एक दिन की बच्ची को बेचने के लिए तुकोगंज क्षेत्र के राणीसती गेट के पास पहुंचने वाली है। इसी सूचना के बाद पुलिस ने उस क्षेत्र की घेराबंदी कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और बच्ची को उनके चंगुल से छुड़ा लिया। पुलिस के मुताबिक ये दोनों बच्ची को तय कीमत देकर बच्ची को खरीददार के हवाले करने वाले थे।
मेडिकल टीम से जुड़े हैं दोनों आरोपी
पुलिस के मुताबिक दोनों ही आरोपी शिल्पा और बबलु मेडिकल टीम से जुड़े हुए हैं। दोनों ने बच्ची को बेचने की बात भी कबूल की है। वहीं पुलिस अब दोनों से पूछताछ कर रही है, उन्हें उम्मीद है कि पूछताछ में और भी कई खुलासे हो सकते हैं। पुलिस को आशंका है कि इनके गिरोह में और भी कई लोग शामिल हैं जो पहले भी कई बच्चों को बेच चुके हैं।
DIG हरिनारायण चारी मिश्र ने लिया मामले का संज्ञान
एनजीओ से जुड़ी एक महिला ने इंदौर के DIG हरिनारायण चारी मिश्र से संपर्क किया और बताया शहर में एक गिरोह बच्चे को बेचने का प्रयास कर रहा है। DIG ने इस पर क्राइम ब्रांच को ऑपरेशन में लगाया, इस दौरान महिला ने गिरोह के सदस्यों को संपर्क करके बुलाया। जैसे ही वह बच्चे को देने और पैसे लेने आये ऑपरेशन में तैनात महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें दबोच लिया। जानकारी के अनुसार इस गिरोह में कुछ शासकीय सेवाओं से जुड़े लोग भी शामिल हैं।
चिकित्स्कों ने बताया की बच्ची पूरी तरह स्वस्थ्य है और फिलहाल उसे मेडिकल ऑब्जरवेशन में रखा गया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर अब इस बात का पता लगा रही है की गिरोह के सदस्य बच्ची को आखिर कहां से लाये थे और इसमें कितने लोग जुड़े हैं। परिजनों ने खुद बच्चे को बेचने के लिए दिया था या फिर चोरी किया गया था। मामले में बच्चों को चोरी कर बेचने की भी आशंका है।