भोपाल: मध्य प्रदेश में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वहीं कोरोना के इस संकट के बीच अब प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत भी हो गई है। दरअसल, देवास, जबलपुर, ग्वालियर और शिवपुरी जिलों में ऑक्सीजन ( oxygen ) की कमी है। वहीं अब प्रदेश में महाराष्ट्र से ऑक्सीजन की सप्लाई रूकने से ये समस्या और भी बढ़ जाएगी।
फिलहाल अक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और गुजरात से की जाती है। वहीं अब महाराष्ट्र से सप्लाई रूकने से ये समस्या पैदा हुई है। प्रदेश में कोरोना मरीज बढ़ने से भी ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है। जुलाई में जहां 40 टन ऑक्सीजन की जरूत थी, तो अगस्त में 90 टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। वहीं इस कमी की भरपाई के लिए छत्तीसगढ़ और गुजरात से सप्लाई बढ़ने की कोशिश की जा रही है। उधर ऑक्सीजन सप्लाई पर महाराष्ट्र सरकार की रोक पर सीएम शिवराज का बयान भी सामने आया है। जिसमें सीएम शिवराज ने महाराष्ट्र की रोक पर कहा कि प्रदेश की जनता इसे लेकर चिंता नहीं करें
सीएम शिवराज ने जनता को दिलाया भरोसा
प्रदेश में ऑक्सीजन की सप्लाई रोकने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता को भरोसा दिलाते हुए कहा कि ‘मप्र के कोविड पेशेंट्स को ऑक्सीजन की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बातचीत की है और उद्धव ठाकरे ने भरोसा दिया है कि जनता को आक्सीजन की कमी नहीं होने देंगे
। सीएम शिवराज ने आगे कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर मप्र में भी आक्सीजन का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। 30 सितंबर तक 150 टन आक्सीजन की व्यवस्था की जाएगी। सीएम ने कहा लॉन्गटर्म प्लानिंग भी की जा रही है और बाबई में जल्द ही 200 टन क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट खोला जाएगा। सीएम ने कोरोना की समीक्षा के दौरान जिलों के कलेक्टर्स को भी निर्देश दिए है कि वो फीवर क्लीनिक में व्यवस्थाएं करें अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तरों की व्यवस्था की जाए।
छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट से मांगी ऑक्सीजन
मप्र की मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड छत्तीसगढ़, गुजरात और महाराष्ट्र पूरी करते हैं। प्रदेश में कोविड के 20% मरीज ऑक्सीजन पर होने और महाराष्ट्र से सप्लाई रोक दिए जाने से बढ़ी किल्लत अस्पतालों में जुलाई में हर दिन 40 टन तो अगस्त में 90 टन ऑक्सीजन लगी। वहीं सितंबर महीने में हर दिन 1500 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। ऑक्सीजन खपत 130 हुई, इस सितंबर अंत और अक्टूबर मध्य तक प्रतिदिन की खपत 150 टन तक पहुंचने की संभावना है। कमी दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट से ऑक्सीजन मांगी गई।