भोपाल. प्रदेश में 30 अगस्त को 21 जिलों में सामान्य से 20.04 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। सीहोर में सामान्य से 51 प्रतिशत से अधिक, रायसेन में 38 प्रतिशत से अधिक और होशंगाबाद में 14 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज हुई। पिछले 24 घंटे में होशंगाबाद मं 30 सेंटीमीटर वर्षा हुई है।
मध्यप्रदेश के दक्षिणी भाग में अत्यधिक भारी वर्षा दर्ज की गई है। इनमें से अधिकांश जिलों से होकर नर्मदा नदी बहती है। इन जिलों में हुई अत्यधिक वर्षा के कारण क्षेत्र की नदियों तथा बांधों के संग्रहण क्षेत्र में जल-स्तर काफी बढ़ गया है। वर्तमान में नर्मदा नदी के लगभग समस्त प्रमुख बांध बरगी, तवा, बारना, इंदिरा सागर तथा ओंकारेश्वर अपने पूर्ण जलाशय स्तर के समीप पहुंच चुके हैं। नर्मदा नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान के काफी ऊपर के स्तर पर बह रही है।
शुक्रवार 29 अगस्त की रात्रि 8 बजे की स्थिति में होशंगाबाद जिले में सेठानी घाट पर, जहां खतरे का निशान 293.83 है, नर्मदा नदी का जल-स्तर 980 फीट पर पहुंच चुका है। खंडवा जिले में मोरटक्का पर, जहां खतरे का निशान 163.98 मीटर है, वहां नदी का जल-स्तर 166.30 मीटर पर पहुंच चुका है।
पिछले दो दिनों में 12 जिले के 454 ग्रामों से 7 हजार से अधिक व्यक्तियों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से बाहर निकाला जा चुका है। वर्तमान में 170 राहत शिविरों में 9 हजार 300 लोगों को ठहराया गया है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय वायु सेना की सहायता से छिन्दवाड़ा में 6, बालाघाट में 3 तथा सीहोर के सेमाल्वादा में 80 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में सेना की 6 कम्पनियां अपनी प्रस्तावित तैनाती के लिये जिला दण्डाधिकारी के सम्पर्क में हैं। इनमें रायसेन में 2, सीहोर में 2 एवं होशंगाबाद में 2 कम्पनियों में से एक कम्पनी की तैनाती कर दी गई है। इसके अलावा राज्य में राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के 4 दल वर्तमान में कार्यरत हैं एवं 4 अन्य दलों की मांग की गई है।
पश्चिमी क्षेत्र के जिले हाई अलर्ट पर
प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों में भारी वर्षा की संभावना के दृष्टिगत जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिये जिला प्रशासन, राहत दल स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।