नई दिल्ली. नीट-जेईई परीक्षा राजनीतिक दलों के लिए सियासत का एजेंडा बन चुकी है। सात राज्यों की सरकारें एग्जाम ना करवाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर करने जा रही हैं। इसी बीच देश-विदेश की यूनिवर्सिटीज के 150 शिक्षकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में लिखा है कि परीक्षाओं में देरी हुई तो ये स्टूडेंट्स के करियर से समझौता होगा। कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे के चक्कर में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
इन यूनिवर्सिटीज के शिक्षकों ने लिखी चिट्ठी
दिल्ली यूनिवर्सिटी, IGNOU, लखनऊ यूनिवर्सिटी, JNU, BHU, IIT दिल्ली, यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया, हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ जेरुसलेम, बेन गुरियन यूनिवर्सिटी, इजरायल
गैर-एनडीए शासित राज्य एग्जाम टालने के पक्ष में
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में बुधवार को 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने परीक्षा टालने की मांग की है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सभी राज्य मिलकर सुप्रीम कोर्ट चलें और अब सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन फाइल की जाएगी। वहीं, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कोर्ट जाने से पहले राष्ट्रपति से मिलने की बात कही।