8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग की घोषणा कर दी है। अब मध्यप्रदेश में भी नए वेतन आयोग की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। मोहन यादव सरकार की योजना है कि केंद्र की ओर से गठित आयोग के टर्म्स ऑफ रिफरेंस मिलते ही, राज्य में 8वें वेतन आयोग लागू करने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित की जाएगी।
7वें वेतन आयोग के लागू होने पर सैलरी में 2.11 फिटमेंट फार्मूला के आधार पर 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। वहीं, 8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी की दर 1.5 से बढ़कर 1.6 होने की संभावना है। इससे दस लाख कर्मचारियों के तनख्वाह में 40 फीसदी तक बढ़ सकती है।
सरकार पर करीब दस हजार करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त भार आएगा। महंगाई भत्ता (DA) 60 फीसदी तक पहुंच जाएगा। फिलहाल मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को बेसिक सैलरी पर 50 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है। केंद्र कर्मचारियों का डीए 53 फीसदी है।
आइए आपको बताते हैं 8वां वेतन आयोग लागू होने पर केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ेगी
सैलरी में कितनी वृद्धि संभव?
उच्चतम ग्रेड वाले सेक्रेटरी लेवल के अफसर का बेसिक वेतन 2.50 लाख रुपये है। 2.57 के फिटमेंट के आधार पर 8वें वेतनमान में सैलरी बढ़करी 6.40 लाख रुपये हो जाएगी।
ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 30 लाख रुपये है। केंद्रीय कर्मचारियों को 34 महीने के बेसिक वेतन के बराबर होम लोन 8.5 फीसदी ब्याज पर ले सकते हैं। सातवें वेतन आयोग में 25 लाख रुपये तक पहुंच गई है। 8वें वेतनमान में बढ़कर 80 लाख रुपये होगी।
पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी?
6वें वेतनमान में पेंशन 14 फीसदी और सातवें में 23.66 फीसदी तक बढ़ी थी। इस फॉर्मूला के आधार पर पेंशन न्यूनतम 34 फीसदी तक बढ़ सकती है।
न्यूनतम वेतन कितना बढ़ेगा?
अगर किसी का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये है, तो डीए 53 फीसदी है। दिसंबर 2025 से पहले दो बार डीए बढ़ेगा। इसे जोड़कर 8वां वेतनमान लगने से सैलरी 28,620 रुपये होगी।
7वें वेतन आयोग में कर्मचारियों की संख्या पेंशन समेत
आयोग |
न्यूनतम सैलरी |
बढ़ोतरी |
कर्मचारी |
1947 | 55 रुपये | – | 15 लाख |
1959 | 80 रुपये | 14% | 25 लाख |
1973 | 185 रुपये | 19% | 30 लाख |
1986 | 750 रुपये | 30% | 35 लाख |
1997 | 2550 रुपये | 40% | 30 लाख |
2008 | 7000 रुपये | 16-22% | 60 लाख |
2016 | 18 हजार रुपये | 30-40% | 1 करोड़ |
यह भी पढ़ें-