कवर्धा से संतोष भारद्वाज की रिपोर्ट
कवर्धा। जिले के महिला समूहों द्वारा गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में तैयार वर्मी कंपोस्ट को सहकारी समितियों द्वारा उठाव नहीं किए जाने से महिलाएं निराश हैं. सहकारी समितियों की लापरवाही के चलते बड़ी मात्रा में तैयार ये खाद बेकार पड़ी हैं.
बता दें, जिले में महिला समूहों को गौठानो में वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया था। महिला समूह ने वर्मी कंपोस्ट खाद बड़ी मात्रा में तैयार भी कर लिया है। उन्होंने करीब 80 क्विंटल से अधिक खाद तैयार किया है। लेकिन सहकारी समितियों की लापरवाही के चलते अब ये महिलाएं निराश क्योंकि तैयार खाद का समितियों ने अभी तक उठाव नहीं किया है।
प्रशासन ने दिया आश्वासन
महिलाओं का कहना है कि सहकारी समितियों द्वारा तैयार खाद वितरण नहीं किया जा रहा है। किसानों को पुराना खाद ही उपब्लध कराया जा रहा है। जिससे उनकी मेहनत पर बेकार जा रही है। इस मामले में पंचायत सीईओ का कहना है कि जल्द ही वर्मी कम्पोस्ट खाद का उठाव किया जाएगा।
आर्थिक में सहभागिता बढ़ोतरी
गांव की महिलाएं गोबर से बनी खाद का निर्माण कर आर्थिक रुप से सक्षम हुई हैं। अब गांव की महिलाएं घर के काम-काज के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों में सहभागिता बढ़ा रही हैं।
गोधन न्याय योजना से गौठानों में संचालित गतिविधियों में महिलाएं अपनी सहयोगी भूमिका निभा रही हैं। परिवार को संभालने के साथ महिलाएं अपने जीवन स्तर में सुधार हेतु सतत प्रयासरत हैं।
महिलाएं बन रही प्रेरणा
बता दें कि गांव की महिलाओं के आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर होने से गांव की अन्य महिलाएं भी इनसे प्रेरेणा ले रही हैं। महिलाएं जैविक खाद के अलावा अन्य उत्पादों के निर्माण से भी जुड़ रही हैं ।
काम के प्रति महिलाओँ की लगन सच्ची है। इसमें कोई दो राय नहीं लेकिन बावजूद इन सबके महिलाओं के काम का प्रतिफल अगर उन तक नहीं पहुंच पा रहा है तो इसमें प्रशासन की खामी साफ नजर आ रही है।