नई दिल्ली। मार्च में होली पर सरकार केंद्रीय कर्मचारियों 7th Pay Commission latest news: को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। जी हां इन कर्मचारियों को बंपर गुड न्यूज मिल सकती है। आपको बता दें मार्च महीने में सरकार केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) का महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) बढ़ाने का ऐलान कर सकती है। इसका फायदा 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिल सकता है। डीए का जो गणित चलता है उसके हिसाब से ढ़ाई लाख रुपए सैलरी वालों की तनख्वाह में 90 हजार तक का इजाफा होगा।
सैलरी में आएगा बंपर उछाल —
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मिलने वाली इस बड़ी खबर में आपको बता दें मार्च में मिलने वाले इस गिफ्ट में उनकी सैलरी में बड़ा जंप आ सकता है। जिसका फायदा कर्मचारियों के साथ—साथ पेंशनर्स को भी मिलेगा। Pensioners, (Central government employees) (Dearness Allowance) AICPI के दिसंबर में जारी हुए आकंडों के बाद इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि महंगाई भत्ते में 3 फीसदी का इजाफा हो सकता है।
34% हो जाएगा Dearness allowance
श्रम मंत्रालय के अनुसार दिसंबर 2021 में All India Consumer Price Index for Industrial Workers (AI CPI-IW) का आंकड़ा 125.4 पर पहुंच चुका है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि कर्मचारियों के DA में 3 फीसदी का इजाफा पक्का है। ऐसे में हम कहें कि DA 31 प्रतिशत से बढ़कर 34 फीसदी तक मिलेगा। जिसके बाद मार्च की सैलरी में इसका भुगतान किया जा सकता है।
90 हजार रुपए तक बढ़ सकती है केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी
केंद्रीय कर्मचारियों के एरियर को लेकर स्थिति अभी तक साफ नहीं की गई है। इन्हें महंगाई भत्ता भी मिलना चाहिए। ये कहना है JCM सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा का। एक हिसाब से समझिए 30 हजार रुपए बेसिक सैलरी वाले कर्मचारी की तनख्वाह में 900 रुपए का इजाफा होगा। तो सीधे तौर पर उसकी ग्रॉस सैलरी में 10,800 रुपए बढ़ जाएंगे। वहीं अगर कैबिनेट सचिव स्तर के अफसरों की बात करें तो उनकी सैलरी 7500 रुपए महीना तक बढ़ जाएगी। वहीं जिसकी सबसे ज्यादा बेसिक सैलरी 2.5 ढाई लाख रुपए महीने की है तो उसकी तनख्वाह में 90 हजार रुपए का फायदा होना निश्चित है।
ऐसे समझें महंगाई भत्ते को —
आपको बता दें ये पैसा सरकारी कर्मचारियों के साथ—साथ पब्लिक सेक्टर और पेंशनधारकों को दिया जाता है। सरकार द्वारा रहने—खाने के स्तर को सुधारने के लिए दिया जाने वाली राशि महंगाई भत्ता(Dearness allowance) कहलाती है। (Cost of Living) ये पैसा सरकार इसलिए देती है ताकि महंगाई बढ़ने के बावजूद उनके रहन—सहन के स्तर में कोई बदलाव न आ पाए।
हर 6 महीने में होता है बदलाव —
कहते हैं दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ये सुविधा शुरुआत की गई थी। युद्ध के समय सिपाहियों को खाने के साथ—साथ दूसरी सुविधाओं के लिए सैलरी के अलावा पैसा दिया जाता था। तब इसे खाद्य महंगाई भत्ता या डियरनेस फूड अलाउंस (Dearness food allowance) कहते थे। भारत की बात करें तो यहां मुंबई से 1972 में सबसे पहले महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई थी। इसके बाद से ही केंद्र सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाने लगा है। अमूमन हर 6 महीने, जनवरी और जुलाई में Dearness Allowance में बदलाव किया जाता है।
अलग-अलग होता है DA
यह महंगाई भत्ता (Dearness allowance) वेतन के आधार पर निर्धारित होता है। यानि शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों में नौकरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए इसमें अंतर होता है। मूल सैलरी के आधार पर इसका गुणा—भाग होता है। इस महंगाई भत्ते की गणना के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (consumer price index या CPI) द्वारा एक फार्मूला तय किया गया है।
क्या है ये फॉर्मूला —
महंगाई भत्ते का प्रतिशत = पिछले 12 महीने का CPI का औसत – 115.76
इसकी जो राशि आएगी उसे 115.76 से भाग दिया जाएगा।
प्राप्त अंक को 100 से गुणा करेंगे।