सिया कल्चरल एंड वेलफेयर सोसायटी की शुरूआत 2012 में शिवा राजे सिसोदिया द्वारा में की गई थी। संस्था का मुख्य उद्देश्य बच्चें एवं महिलाओं को जागरूक, यथासम्भव सहायता करना उन्हें खेलकूद, शिक्षा, व्यवसाय इत्यादि क्षेत्रों में प्रोत्साहित करना एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है ।
घूमर भारत का सांस्कृतिक लोकप्रिय नृत्य है जो राजस्थान की मिटटी से जन्मा है। घूमर का नाम ’’घूमे’’ शब्द से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है घूमना या मंडलियों में घूमना । इसका विकास भील जनजातियों द्वारा माॅं सरस्वती की वंदना और आराधना के लिए किया गया था । घूमर नृत्य विशेष रूप से महिलाओं द्वारा किया जाता है, महिलाएं एवं युवा खुशी के अवसर पर देवी-देवताओं को पूजने के लिए करते हैं । इसे 2013 में दुनिया भर में शीर्ष 10 स्थानीय नृत्यों में चौथे स्थान दिया गया था।
सिया संस्था द्वारा घूमे-रे-घूमर की शुरूआत 2017 में हुई थी । इस कार्यक्रम को कराने का मुख्य उद्देश्य आज की महिलाओं एवं युवाओं को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से अवगत कराना एवं अपनी संस्कृति का उचित प्रचार-प्रसार करना एवं इस सांस्कृतिक धरोहर को आने वाली पीढ़ी से अवगत कराना मुख्य उद्देश्य है । विगत 4 वर्षों से 200 से अधिक महिलाओं एवं युवतियों द्वारा घूमर नृत्य एवं सांस्कृतिक आयोजन हिस्सा लिया है ।
विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी घूमे-रे-घूमर कार्यक्रम का आयोजन 07 जनवरी 2023 को भोजपुर क्लब में किया जा रहा है। इस वर्ष संस्था द्वारा घूमर के अतिरिक्त राजस्थान के अन्य पारम्परिक नृत्य कालबेलिया, चिरमी, शस्त्र घूमर, ढोल थाली घूमर, दीप घूमर, पनिहारी इत्यादि भी कार्यक्रम में शामिल किये गये हैं, एवं नृत्यों में भाग लेने के लिए 100 से अधिक प्रतिभागियों द्वारा 20 दिसम्बर 2022 से निरन्तर द्वारा अभ्यास किया जा रहा है । दिनांक 07 जनवरी को होने वाले मुख्य कार्यक्रम में 8 से 10 महिलाओं के समूहों में लोकनृत्यों का प्रदर्शन होगा । कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भारत के कई प्रतिष्ठित राजघरानों को निमंत्रित किया गया है । इस कार्यक्रम में महिला समूहों द्वारा निर्मित विभिन्न उद्योगों से संबंधित स्टाॅल स्थापित किये जाएंगे । कार्यक्रम के दौरान राजस्थान से आए लोक कलाकारों द्वारा लोकगीतों एवं नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा ।
इस बार कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण अग्नि घूमर, ग्लास घूमर तथा रैंप वॉक भी आयोजित किया जाएगा। अतः आपस निवेदन है कि आप भी अपने घर की महिलाओं को इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होने हेतु प्रेरित करें। हम आशा करते हैं कि हमारा यह प्रयास देश एवं प्रदेश के युवाओं को अपनी संस्कृति से जुड़ने हेतु प्रेरित करेगा ।