Chhattisgarh Fake Liquor: छत्तीसगढ़ के रायपुर में आबकारी विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने नकली शराब की बड़ी खेप बरामद की। इसके साथ ही टीम ने यहां जांच की। टीम ने नकली शराब को तैयार करने के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री और कच्चा माल बरामद किया है। यदि आपको थमा दी जाए नकली शराब तो आप उसकी इन तरीकों को पहचान सकते हैं, जिनके बारे में आगे हम विस्तार से बताएंगे।
इस मामले में सबसे बड़ी बात जो सामने आई है वह यह है कि आबकारी विभाग के डिप्टी कमिश्नर विकास गोस्वामी ने खुद कोचिया बताया। वह अवैध शराब (Chhattisgarh Fake Liquor) का काम करने वाला बनकर पहुंचे, जहां नकली शराब की डील की। इसके बाद नकली शराब बेचने वालों को धर दबोचा।
60 पेटी शराब समेत 300 लीटर लिक्विड बरामद
रायपुर समेत प्रदेश में नकली शराब (Chhattisgarh Fake Liquor) का कारोबार बढ़ रहा है। आबकारी विभाग ने नकली शराब का धंधा करने वालों को दबोचा है। मोतीलाल साहू, युवराज साहू दो आरोपियों को पकड़ा है। इनके पास से लगभग 60 पेटी शराब और 300 लीटर ओवर प्रूफ लिक्विड जब्त किया है। इसका उपयोग नकली शराब बनाने के लिए होता है।
नकली शराब की शिकायत पर एक्शन
विभाग के डिप्टी कमिश्नर विकास गोस्वामी ने जानकारी दी कि उन्हें नकली शराब (Chhattisgarh Fake Liquor) की अवैध रूप से बिक्री किए जाने की शिकायत मिल रही थी। इस शराब का निर्माण करने वालों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन तैयार किया।
इस प्लान के तहत वह कोचिया बनकर नकली शराब के व्यापार करने वाले बने और उन्हें ट्रेस किया। इस दौरान कई नंबरों से नकली शराब बनाने वालों से इस कारोबार की डील करने बात की। इसके बाद आरोपी मोहित मोतीलाल साहू से डील पर 40 पेटी नकली शराब जब्त की।
आरोपियों को भेजा जेल, सामग्री जब्त
जब्त की गई शराब (Chhattisgarh Fake Liquor) गोवा ब्रांड से यह नकली शराब बेचने की कोशिश की जा रही थी। यह शराब बिना होलोग्राम के वेगन-आर कार से जब्त की गई है। वहीं पिकअप में भी 12 पेटी नकली गोवा शराब रखी थी। इसके साथ ही लावारिस हालत में 8 पेटी नकली शराब भी मिली।
युवराज के पास से नकली शराब बनाने में उपयोग की जाने वाली सामग्री मिली। ये 300 लीटर स्पिरिट भी मिला है। इससे लगभग 1500 लीटर नकली शराब बन सकती थी। आरोपियों के पास से अन्य सामग्री भी आबकारी विभाग की टीम ने जब्त की है। दोनों आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ आबकारी एक्ट 1915 और 2020 के तहत कार्रवाई कर जेल भेज दिया गया।
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ऐसे पहचाने शराब असली है या नहीं
बता दें कि जब आबकारी विभाग ने नकली शराब (Chhattisgarh Fake Liquor) जब्त की तो इसकी पैकेजिंग ब्रांडिंग कुछ इस तरह से थी कि लोग आसानी से नहीं पहचान सकते हैं। असली-नकली शराब में फर्क नहीं ही नहीं समझ पाते हैं। आबकारी विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह शराब खुले तौर पर गांव-गांव में बेचने का प्लान था। इस शराब के सवन से लोगों को हेल्थ संबंधी परेशानियां भी हो सकती थीं।
अधिकारियों के अनुसार असली शराब में होलोग्राम रहता है। यह बिना होलोग्राम के बाजार में नहीं जाती है। दूसरी मिलते जुलते रेपर पर से सावधानी रखना चाहिए। शराब सरकार द्वारा अनुमति प्राप्त स्थानों से ही खरीदें।
शराब के एक्सपर्ट बताते हैं कि केमिकल, लिक्विड से तैयार की गई शराब की बदबू में दवाई जैसी भी महक लगती है। इतना ही नहीं जब इसे शराबी पीता है तो उसके मुंह से लेकर गला, फेफड़े, लीवर तक में छाले हो जाते हैं। इतना ही नहीं इस नकली शराब को पीने के बाद पूरे शरीर में छटपटाहट और पेट गले और सीने में जलन जैसी शिकायत बढ़ जाती है। इसलिए कहीं से भी शराब खरीदने से पहले उसकी जांच जरूर कर लें।
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