राजस्थान के गांवों में पीने को पानी नहीं:गुजरात-पाकिस्तान से सटे गांव, मिट्टी का पानी पी रहे हैं बच्चे
राजस्थान में तेज गर्मी के साथ ही पीने के पानी का संकट बन रहा है। प्रदेश के कई जिलों के गांवों में लोग बूंद-बूद पानी को तरस रहे हैं। प्यास बुझाने के लिए लोग कच्ची बेरियों से जान पर खेलकर मटमैला पानी पीने को मजबूर हैं। यही हाल जालोर जिले में भी है। पेयजल किल्लत लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। ऐसा ही हाल है प्रदेश के जालोर का। यहां गुजरात और पाकिस्तान सीमा से लगते गावों में अकाल जैसे हालात है। हाल ये है कि जिले के 306 गांव और 985 ढाणियां बूंद-बूंद पानी को तरस रही हैं। ऐसे में पीने का पानी जुटाने के लिए लोगों को लाख जतन करने पड़ते हैं। मिट्टी की कच्ची बेरियों से मट-मैला पानी पड़ रहा है। बच्चे मिट्टी वाला पानी पीने को मजबूर है।
इन गांवों में भयंकर जल संकट
जालोर जिले के कुकड़िया, रडक़ा, धिगपुरा, भवातड़ा, जोरादर, भाटकी, कोलियों की गढ़ी, सांकरिया, खेजडियाली, सूथड़ी, सूराचंद, रणखार, टीपराड़ा में भयंकर पेयजल संकट हैं। भीषण गर्मी के दौर में लोग यहां बूंद-बूंद पानी के लिए भटकते देखे जा सकते हैं। प्यास बुझाने के लिए लोग कई किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं।