Nand Kumar Singh Chauhan Passed Away: पहली बार हार के बाद 2 लाख वोटों से जीत को लगाया गले, ऐसा रहा नंदकुमार का राजनीतिक सफर...

Nand Kumar Singh Chauhan Passed Away: पहली बार हार के बाद 2 लाख वोटों से जीत को लगाया गले, ऐसा रहा नंदकुमार का राजनीतिक सफर…

भोपाल। भाजपा सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान (Nand Kumar Singh Chauhan) का मंगलवार को दिल्ली के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। चौहान के निधन पर प्रदेश में शोक की लहर है। सीएम शिवराज समेत तमाम दिग्गज नेताओं ने नंदकुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया है। खंडवा से सांसद रहे नंदकुमार को क्षेत्र के लोग नंदू भैया के नाम से बुलाते थे। सौम्य मुस्कान, विनम्र व्यवहार के जरिए अपनी अलग पहचान बनाने वाले नंदकुमार ने अपने करियर में जीत ही जीत हासिल की। हालांकि एक बार उन्हें कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण यादव के खिलाफ हार का स्वाद भी चखना पड़ा था। इसके बाद नंदकुमार ने राजनीति में ऐसी वापसी की, कि अरुण यादव को 2 लाख वोटों से हराया। इसके बाद नंदकुमार फिर कभी चुनाव नहीं हारे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके नंदकुमार का राजनीतिक सफर….

छात्र जीवन में ही संभाली संगठनों की कमान…
प्रदेश के बुरहानपुर जिले के शाहपुर कस्बे में 8 सितंबर को 1952 को कृष्णकुमार सिंह चौहान और इंदिराबाई चौहान के घर नंदकुमार ने जन्म लिया था। अपने छात्र जीवन से ही उनका राजनीति की तरफ झुकाव था। 1977 में नंदकुमार ने अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। 1979 में वह पहली बार नगर पंचायत अध्यक्ष चुने गए। दो बार पंचायत का चुनाव जीतने के बाद 1985 में शाहपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद नंदकुमार लगातार इसी सीट से विधायक का चुनाव जीतते रहे। साल 1990 और 1993 में भी वह विधायक बने। इसके बाद 1996 में खंडवा सीट से नंदकुमार को सांसद का टिकट दिया गया। इस चुनाव में चौहान ने विधानसभा के ही पुराने प्रतिद्वंदी कांग्रेसी नेता शिवकुमार सिंह को 94350 वोटों से हराया और पहली बार सांसद चुने गए।

लगातार चार बार रहे सांसद…
साल 1996 में पहली बार सांसद का पद संभालने वाले नंदकुमार सिंह चौहान लगातार चार बार सांसद रहे। हालांकि 2009 में उनका विजयी रथ कांग्रेस के कद्दावर नेता अरुण यादव ने रोक दिया। इस चुनाव में नंदकुमार को 48 हजार वोटों से पहली बार हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद नंदकुमार का मन उदास रहा। कुछ दिनों तक वह राजनीति से दूर रहे। इसके बार उन्होंने जबरदस्त तैयारी के साथ मैदान पर एंट्री मारी। अगले ही चुनाव में उन्होंने अरुण यादव को 2 लाख वोटों से हराकर एक बार राजनीति में फिर अपने नाम का हल्ला बोला। नंदकुमार सिंह चौहान, राकेश सिंह से पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अपने सटीक राजनीतिक करियर के जरिए वह लगातार पांच बार प्रदेश के महामंत्री रहे हैं।

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