नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बजट में चार बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है। घोषणा के बाद से ही कई लोगों के मन में ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कौन से चार सरकारी बैंक हैं जिनका निजीकरण करने जा रही है। तो आपको बता दें कि सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि सरकार ने जिन चार बैंकों के निजीकरण का कहा है उन बैंकों में बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।
गौरतलब है कि, 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार अपने स्वामित्व वाले दो छोटे बैंकों व एक बीमा कंपनी का निजीकरण करने का लक्ष्य रख रही है।
छोटे और मझौले बैंकों का होगा निजीकरण
आला अधिकारियों के मुताबिक बैंकों के निजीकरण को लेकर बाजार और निवेशकों का मूड भांपने के लिए निजीकरण के पहले दौर में सरकार मझोले व छोटे बैंकों का सिलेक्शन करेगी। वहीं अधिकारियों का यह भी कहना है कि अगर निवेशकों का रुझान सही रहता है तो आने वाले समय में सरकार अपेक्षाकृत कुछ बड़े बैंकों के निजीकरण पर भी विचार कर सकती है।
एसबीआई की हिस्सेदारी नहीं बेचेगी सरकार
स्टेट बैंक ऑफि इंडिया ( SBI) की हिस्सेदारी को लेकर सरकार ने यह भी संकेत दिए हैं कि एसबीआई हिस्सेदारी अपनी का अधिकांश हिस्सेदारी अपने पास रखेगी। देश के ग्रामीण इलाकों में कर्ज वितरण को बढ़ावा देने और नीतियों के क्रियान्वयन के लिए SBI के साथ रणनीतिक बैंक की तरह व्यवहार करना जारी रखेगी। इसके साथ ही सरकार एनपीए के बोझ तले दबे बैंकिंग सिस्टम में आमूल-चूल बदलाव लाने के तहत भी निजीकरण को बढ़ावा दे रही है।