Quad Meeting: मंच पर आए 4 ताकतवर देश, मोर्चेबंदी तेज होते देख बोला चीन- ‘तीसरे देश को ना बनाएं निशाना’

नई दिल्ली। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच (Quad Meeting) शुक्रवार को होने जा रही क्वाड की बैठक से चीन तिलमिला उठा चुका है। इस बैठक से कुछ घंटे पहले ड्रैगन ने शुक्रवार को कहा कि किसी तीसरे देश के निशाना बनाने की बजाय देशों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने और सहयोग आपसी समझ पर आधारित होना चाहिए।
Prime Minister Narendra Modi takes part in the First Quad Leaders’ Virtual Summit with US President Joe Biden, Australian PM Scott Morrison and Japanese PM Suga pic.twitter.com/XtO7lmbH78
— ANI (@ANI) March 12, 2021
क्वाड की बैठक से बढ़ी चीन की बेचैनी
इधर, चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने कहा- भारत ब्रिक्स, एससीओ के लिए नकारात्मक संपत्ति बन गया है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन एवं जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा डिजिटल माध्यम से हो रहे इस सम्मेलन में शामिल होने जा रहे हैं। चार देशों के इस गठबंधन के शीर्ष नेताओं की यह पहली बैठक है।
It's the Indo-Pacific that'll now shape the destiny of the world in the 21st Century. As four leaders of great democracies in Indo-Pacific, let our partnership be an enabler of peace, stability & prosperity and to do so inclusively with many nations in the region: Australian PM pic.twitter.com/FCAR3RdPuS
— ANI (@ANI) March 12, 2021
चीनी विदेश मंत्री बोले- तीसरे देशों को ना बनाएं निशाना
क्वॉड सम्मेलन पर चीन की प्रतिक्रिया पूछने पर चीन के विदेश (Quad Meeting) मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मीडिया से कहा, ‘‘देशों के बीच आदान प्रदान एवं सहयोग देशों के बीच की आपसी समझ एवं भरोसे को बढ़ाने में योगदान के लिए होना चाहिए बजाय तीसरे पक्ष को निशाना बनाने या तीसरे पक्ष के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए।’’
क्या है QUAD?
QUAD का पूरा नाम क्वाड्रिलेट्रेल सिक्योरिटी डायलॉग है। ये भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का एक अनऑफिशियल स्ट्रेटेजिक ग्रुप है। इसका गठन 2007 में हुआ था। 2008 में ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री केविन रूड ग्रुप से हट गए थे। तब से ग्रुप एक्टिव नहीं था। चीन के बढ़ते वर्चस्व को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अगुवाई में यह ग्रुप फिर से एक्टिव हुआ।