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‘जुबैदा’ अच्छी कमाई नहीं कर पाई, लेकिन ये फिल्म मेरे लिए आज भी है खास: श्याम बेनेगल

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Bhasha
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(कोमल पंचमटिया)

मुंबई, 19 जनवरी (भाषाा) एक अभिनेत्री एवं राजस्थान के एक राजा के अंतरधार्मिक विवाह की पृष्टभूमि पर बनी फिल्म ‘जुबैदा’ 20 साल पहले रिलीज हुई थी तो बॉक्स ऑफिस पर बहुत कमाई नहीं कर पाई लेकिन इस फिल्म के निर्देशक श्याम बेनेगल के दिल में आज भी यह फिल्म एक खास स्थान रखती है क्योंकि यह भारत के सामंतवादी समाज से लोकतांत्रिक समाज में बदलाव को प्रतिबिंबित करती है।

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बेनेगल ने कहा कि वह जुबैदा बेगम के प्रति आकर्षित तब हुए जब उन्होंने अखबार में खालिद मोहम्मद का लेख पढ़ा और सोचा कि यह खुबसूरत प्रेम कहानी थी।

उन्होंने बताया कि जुबैदा बेगम की पहली शादी से पैदा बेटा मोहम्मद , शुरुआत में बड़े पर्दे के लिए अपनी मां की कहानी बताने में संकोच कर रहे थे लेकिन बाद में उन्होंने उसे बताया और इस किरदार को पर्दे पर करिश्मा कपूर और मनोज वाजपेयी ने निभाया व वर्ष 2001 में इसी नाम से फिल्म रिलीज हुई। फिल्म में राजकुमार की पहली पत्नी का किरदार रेखा ने निभाया।

जुबैदा फिल्म के रिलीज की 20वीं सालगिरह के मौके पर ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए गए साक्षात्कार में बेनेगल ने कहा, ‘‘उसमें काम करने वाले किसी ने नहीं कमाया। मैं नहीं मानता कि किसी ने भी फिल्म को पैसे के लिए किया लेकिन फिल्म ने राष्ट्रीय अवार्ड जीता।’’

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फिल्म के निर्देशक बेनेगल ने कहा, ‘‘ ...मैं नहीं मानता कि फिल्म ने वित्तीय मामले में अच्छा किया। हम खुश हैं कि जिस तरह से सब हुआ। मैं नहीं मानता कि फारूख रत्तनोसे (निर्माता) खुश थे, वह इससे बहुत पैसा कमाने की उम्मीद कर रहे थे।’’

उन्होंने इस फिल्म में अभिनेत्री जुबैदा बेगम और जोधपुर के महाराजा हनवंत सिंह की प्रेम कहानी को उतारा था।

इस दंपति की मौत भारत के पहले लोकसभा चुनाव में सिंह की लगभग निश्चित जीत की खुशी मनाने के लिए निजी विमान से जाने के दौरान हुई। उनका विमान 26 जनवरी 1952 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और विमान को सिंह उड़ा रहे थे।

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बेनेगल ने पुराने दिनों की याद करते हुए कहा कि आजादी से पहले उनका जन्म भी हैदराबाद में हुआ था। उन्होंने बताया कि ‘जुबैदा’ उन्हें उनके अपने दिनों की याद दिलाती है जब वह अपने आसपास बदलाव महसूस कर सकते थे ।

भाषा धीरज नरेश

नरेश

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