प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीराबेन ने 100 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। मां हीराबेन के निधन से पीएम मोदी को गहरा आघात पहुंचा है, क्योंकि हीराबेन के परिवार में पीएम मोदी ऐसे व्यक्ति थे जो उनके सबसे करीबी थे। वह हर खुशी के मौके पर अपनी मां से मिलने गुजरात जाया करते थे। हीराबेन का निधन पीएम मोदी के लिए पहाड़ टूटने के बराबर है। करीब 33 साल बाद पीएम मोदी को दूसरा झटका लगा है। 33 साल पहले उनके पिता दामोदरदास मोदी का निधन हो गया था।
33 साल बाद दूसरा गम
पीएम मोदी को 33 साल बाद दूसरा बड़ा झटका लगा है। इससे पहले 1989 में पीएम मोदी के पिता दामोदरदास मोदी का निधन हो गया था। बचपन में नरेंद्र मोदी अपने पिता के साथ वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करते थे। यह बात खुद पीएम नरेंद्र मोदी कई बार बता चुके है। उन्होंने कहा था कि मैं अपने पिता की मदद करने के लिए वडनगर के रेलवे स्टेशन पर चाय बेंचा करता था। पीएम नरेंद्र मोदी के पिता दामोदरदास मोदी की एक चाय की दुकान गुजरात के वडनगर रेलवे स्टेशन पर थी। पीएम मोदी ने बताया था कि जब भी उन्हें स्कूल से आने के बाद समय मिलता था तो वह अपने पिता की दुकान पर जाकर चाय बेंचा करते थे। उन्होंने बताया था की वह ट्रेनों में भी चाय बेचने जाया करते थे।
हीराबेन के करीबी थे मोदी
पीएम मोदी ने कई बार इंटरव्यू के दौरान अपनी मां का जिक्र किया करते थे। नरेन्द्र मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तब भी वह अपनी मां हीराबेन से मिलने गुजरात गए थे। पीएम बनने के बाद जब मोदी अपनी मां के पास पहुंचे तो हीराबेन की खुशी का ठिकाना नहीं था। उन्होंने दोनों हाथों से पीएम मोदी को आशीर्वाद दिया था, उन्हें दुलारा था।
बेटे मोदी को ऐसे दुलारा
पीएम मोदी ने अपनी मां से मुलाकात की और उनसे आशीर्वाद लिया था। पीएम मोदी ने केसरिया रंग के कुर्ते में मां के पैर छुए। मां ने मोदी को दोनों हाथों से गोद में भरकर आशीर्वाद दिया। उसके बाद दोनों सोफे पर बैठ कर काफी देर तक बातें करते रहे। हीराबेन ने बातचीत के दौरान ही अपने बेटे को मिठाई भी खिलाई थी। हैरानी की बात यह है कि मोदी पीएम बनने के बाद अपने जन्मदिन पर अपनी मां से मिलने गांधीनगर बिना सुरक्षा के गए थे। इसी मौके पर मां ने जम्मू-कश्मीर के लिए पीएम मोदी को पांच हजार रुपये दान की थीं। पीएम मोदी के हीराबेन से मिलने का एक वीडियो उन्होंने जारी किया था।
बर्तन मांजा करती थी पीएम मोदी की मां
पीएम मोदी ने अपने मां के लिए एक पत्र भी लिखा था। पत्र में उन्होंने भावुकता के साथा बताया कि घर चलाने के लिए उनकी मां दूसरों के घर के बर्तन मांजा करती थीं। जब उन्हें कुछ समय मिलता तो दो पैसे कमाने के लिए वह चरखा भी चलाया करती थीं। कपास के छिलके से रूई निकालने का काम, रुई से धागे बनाने का काम, मां खुद अपने हाथों से करती थी।