लखनऊ। गृह मंत्रालय की स्क्रीनिंग में उत्तर प्रदेश के चर्चित IPS अमिताभ ठाकुर (IPS Amitabh Thakur) सहित 3 आईपीएस अफसरों को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाया गया है। अमिताभ ठाकुर (आईजी रूल्स एवं मैनुअल) पर (Strict Action on IPS Officer)तमाम मामलों में जांच लंबित हैं। वहीं राजेश कृष्ण (सेनानायक, 10वीं बटालियन, बाराबंकी) पर आज़मगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप रहा है। इनके अलावा राकेश शंकर (डीआईजी स्थापना) पर देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका का आरोप था। तीनों आईपीएस पर गम्भीर अनियमित्ता के भी आरोप थे।
IPS officer Amitabh Thakur given immediate voluntary retirement from service (VRS) as per an order by Ministry of Home Affairs (MHA) after he was found not suitable to continue his services as a public servant: Uttar Pradesh Home Department pic.twitter.com/OLI8uJEpjH
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 23, 2021
1992 बैच के आईपीएस के साथ-साथ कवि व लेखक
अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आईपीएस के साथ-साथ कवि व लेखक हैं। अमिताभ ठाकुर (Strict Action on IPS Officer0 हमेशा चर्चा में रहे। पिछली अखिलेश सरकार में मुलायम सिंह से विवाद का ऑडियो वायरल होने के निलंबित कर दिए गए थे। इसके बाद अमिताभ ठाकुर ने अखिलेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अमिताभ के खिलाफ पांच पांचवीं विभागीय कार्रवाई भी हुई थी। उनके खिलाफ आरोप था कि 16 नवम्बर 1993 को आईपीएस की सेवा प्रारंभ करते समय अपनी संपत्ति का ब्योरा शासन को नहीं दिया गया। इसके साथ ही उन्होंने 1993 से 1999 तक का वर्षवार संपत्ति विवरण शासन को एकमुश्त दिया।