28 Days In February नई दिल्ली। साल का दूसरा महीना यानि फरवरी खत्म होने वाला है। फरवरी के महीने में 28 दिन होते हैं। लेकिन हर चौथे साल में ये 29 दिन की आती है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि फरवरी केवल 28 दिन की ही क्यों होती है 30 या 31 दिन की क्यों नहीं। तो चलिए आज हम आपके बताते हैं कि आखिर इसके पीछे का कारण क्या है।
28 Days In February
आपको बता दें दरअसल, हमारी पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाने में 365 दिन और 6 घंटे का समय लेती है। इसलिए ही हर 4 साल में फरवरी के महीने में एक दिन अधिक जोड़कर इसका संतुलन बनाया जाता है। यही कारण है कि चौथे साल को लीप लीयर कहते हैं।
28 Days In February
दरअसल साल के अन्य महीनों में 30 या 31 दिन होने के बाद फरवरी में एडजस्ट करने के लिए सिर्फ 28 दिन और कुछ घंटे ही बचते हैं तो इस महीने में ऐसे ही एडजस्ट कर दिया गया। इस वजह से फरवरी में 28 दिन होते हैं और चार साल बाद 29 दिन हो जाते हैं। इसलिए इन दिनों को फरवरी में एडजस्ट किया जाता है। इसके पीछे कारण ये है कि पहले एक साल में सिर्फ 10 ही महीने होते थे और साल की शुरुआत मार्च से होती थी। वहीं, अभी की तरह साल का आखिरी महीना दिसंबर ही था। इतना ही नहीं दिसंबर के बाद मार्च आता था। इसके बाद जनवरी और फरवरी बाद में जोड़े गए।
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आपको बता दें पहले दिसंबर के बाद सीधा मार्च आता था। लेकिन इसके बाद जनवरी को 153 BC में जोड़ा गया। लेकिन इससे पहले 1 मार्च साल का पहला दिन होता था। साथ ही पहले जब 10 महीनों का साल होता था तो महीने के दिन ऊपर-नीचे होते रहते थे। फिर जब साल में दो महीने जोड़े गए तो दिन को भी उसी हिसाब से वर्गीकृत कर दिया गया। फिर इसके बाद में फरवरी में 28 दिन हो गए और 4 साल के हिसाब से 29 दिन आने लगे। तभी से यही है कैलेंडर चलता आ रहा है। जबकि पहले यह कैलेंडर कई बार बदल चुका था।