भोपाल: मध्य प्रदेश में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PEB) के माध्यम से आयोजित की जाने वाली पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस भर्ती परीक्षा में पुलिस मुख्यालय की चयन शाखा ने ओबीसी (OBC Reservation) को 27 फीसद आरक्षण का प्रविधान किया है, जबकि हाई कोर्ट (Jabalpur High Court) द्वारा इस पर रोक लगाया गया है।
नए सिरे से आरक्षण का प्रविधान कर सकती है सरकार
अब इसे लेकर हाई कोर्ट (HighCourt) की अवमानना की स्थिति पैदा हो गई है। इन सभी मुद्दों को देखते हुए अब सरकार नए सिरे से आरक्षण का प्रविधान कर सकती है। वहीं जानकारों का कहना है कि, सरकार अगले महीने होने वाले उपचुनाव में युवा मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए चार हजार पुलिस आरक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है।
तीन वर्षों से लंबित है पुलिस भर्ती परीक्षा
दरअसल प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा पिछले तीन वर्षों से लंबित पड़ी थी। जिसे लेकर युवाओं ने इस बार उपचुनाव वाले जिलों में प्रदर्शन करते हुए भर्ती न होने पर सरकार के खिलाफ मतदान करने की चेतावनी दी थी। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने पुलिस भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया था।
विरोध के बाद ओबीसी आरक्षण पर रोक
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार ने 8 मार्च, 2019 को प्रदेश में ओबीसी को दिए जाने वाले आरक्षण को 14 फीसद से बढ़ाकर 27 फीसद कर दिया था। इस फैसले को चुनौती देते हुए इसके खिलाफ जबलपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने 27 फीसद आरक्षण पर रोक लगा दी थी। जिसकी आखिरी बार सुनवाई 24 सितंबर, 2020 को हुई थी। हाई कोर्ट ने 27 फीसद आरक्षण लागू किए जाने पर लगी रोक को अभी भी बरकरार रखा है।
आपको बता दें कि पीईबी ने आरक्षक भर्ती परीक्षा के लिए विज्ञापन तो आनन-फानन में जारी कर दिया है, लेकिन इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया दिसंबर से शुरू होगी। जबकि अब तक आमतौर पर पीईबी की परीक्षाओं में विज्ञापन जारी होने के साथ ही आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाती थी।
वहीं प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि हमारी सरकार लगातार भर्ती करती रही है। इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। भर्ती के विज्ञापन में कोई चूक हुई है तो उसमें सुधार किया जाएगा।