भोपाल। मध्यप्रदेश में भोपाल के गिद्ध संवर्धन केंद्र में हरियाणा से 20 सफेद पीठ वाले गिद्ध लाए गए हैं। अभी इन सभी गिद्धों को विशेषज्ञों की देख-रेख में रखा गया हैं। बता दें कि हिरयाणा से लाए गए गिद्धों में 5 मादा और 5 नर गिद्ध लाए गए वहीं 10 एडल्ट गिद्धों को भी लाए गए हैं।
45 दिन रहेंगे क्वारेंटाइन
हरियाणा से आए सभी गिद्धों को करीब 45 दिन के लिए पृथक रखा जाएगा। इस दौरान यह प्रबंधन की निगरानी में रहेंगे। फिर बाद में इन्हें संवर्धन केंद्र में छोड़ा जाएगा।
मप्र में गिद्धों की संख्या बढाना है लक्ष्य
मध्यप्रदेश में गिद्ध विलुप्ति के कगार पर हैं। ऐसे में इनकी संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है। बता दें कि भारत में गिद्धों के संरक्षण के लिए चार संवर्धन केंद्र खोले गए हैं। इन्हीं केंद्रों में से एक है भोपाल का केरवा डेम के पास स्थित गिद्ध प्रजजन केंद्र।
वर्तमान में भारत में एक लाख से भी कम गिद्ध बचे हुए हैं। 2021 में हुई अंतिम गणना के मुताबिक मप्र में 7 प्रजातियों के सिर्फ 9446 ही गिद्ध बचे हैं।
इस वजह से गिद्ध हुए विलुप्त
बड़ी संख्या में गिद्धों में आई कमी की वजह है डाइक्लोफेनेक दवा जो जानवरों को दर्द होने दी जाती है। इसमें पालतू पशु को सूजन कम करने के लिए दिया जाती है। कई पशुओं को ये दवा दी गई और पशु बाद में गए। ऐसे में गिद्धों के द्वारा मृत पशुओं का मास खाया जिससे उनकी मौत हो गई। बता दें कि यह दवा केवल 72 घंटे तक ही असरदार होती है।