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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि हर साल देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और साल 2030 तक इनकी संख्या दो करोड़ हो सकती है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वर्ष 2030 तक देश में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार की वार्षिक बिक्री 10 अरब यूनिट तक बढ़ने और 5 करोड़ रोजगार अवसर सृजित होने की आशा है।
वे कल नई दिल्ली में सुरक्षित, संरक्षित, टिकाऊ भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन मानक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। श्री गडकरी ने 2070 तक भारत को शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनाने में इलेक्ट्रिक वाहनों के महत्व का उल्लेख करते हुए बताया कि देश में अब तक 30 लाख विद्युत वाहन पंजीकृत हो चुके हैं।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल उद्योग बना
गडकरी ने कहा कि जापान को पीछे छोड़कर, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल उद्योग बन गया है, हालांकि प्रदूषण इस उद्योग के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण और ट्रैफिक जाम कम करने के लिए लगभग 65 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अपने जीवाश्म ईंधन उपयोग का 85 प्रतिशत आयात करता है।
जनसंख्या से ज्यादा होंगे वाहन
गडकरी ने बताया कि मौजूदा समय में देश में 30 करोड़ से ज्यादा वाहन हैं। 10 साल बाद जनसंख्या कम होगी और वाहनों की संख्या काफी ज्यादा होगी। हर घर में तीन लोग होंगे और पांच गाडि़यां होंगी, फिलहाल दिल्ली और मुंबई में ऐसा ही है। इसका मुख्य कारण ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का लगातार बड़ा होना है।
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