1983 WORLD CUP: 25 जून, 1983 भारतीय क्रिकेट के इतिहास का सबसे सुनहरा दिन। क्योंकि इस दिन भारतीय टीम ने कपील देव की कप्तानी में वेस्टइंडीज को हरा विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था। ये विश्व कप जीतना यादगार इसलिए था क्योंकि किसी को भी भारतीय टीम के जीतने का भरोसा नहीं था। वैसे भी वेस्टइंडीज की टीम पिछले दो विश्व कप से जीतती आ रही थी। भारत के शेरों ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत के बंदों में कितना दम है। लेकिन क्या आपको पता है कि विश्व विजेता टीम के खिलाड़ी इस वक्त क्या कर रहे है। आइए जानते है….
1) कपिल देव (कप्तान):
1983 के वलर्ड कप जीताने में कपील देव ने बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने 1983 वर्ल्ड कप के 8 मैचों में 60 के औसत से 303 रन बनाने के साथ- साथ 13 भी विकेट लिए थे। फाइनल में तो वो बड़ी पारी नहीं खेल पाए थे, लेकिन उससे पहले उन्होंने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ 175 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी। इस वक्त कपील देव क्रिकेट एक्सपर्ट के तौर पर कई चैनलों से जुड़े हुए है और मैच में कमेंट्री भी करते है। वो एक सफल बिजनेशमैन भी है।
2) सुनील गावस्कर:
पूर्व स्टार खिलाड़ी सुनील गावस्कर सन्यास लेने के बाद से एमसीए के उपाध्यक्ष, अंतरिम बीसीसीआई अध्यक्ष (आईपीएल 2014 के दौरान) आईसीसी मैच रेफरी, आईसीसी क्रिकेट कमेटी के अध्यक्ष के पद पर काम चुके है। पिछले काफी समय से वो एक क्रिकेट एक्सपर्ट के तौर पर मैचों में कमेंट्री करते है।
3) कृष्णमाचारी श्रीकांत:
वर्ल्ड कप 1983 के फाइनल में कृष्णमाचारी श्रीकांत ने 37 रनों की पारी खेली थी। 2011 में वे भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता के रूप में काम कर चुके है। अब वे कमेंटेटर की भूमिका में नजर आते है।
4) मोहिंदर अमरनाथ:
ऑलराउंडर मोहिंदर अमरनाथ ने भारत को वर्ल्ड कप जीताने में अहम भूमिका निभाई थी। फाइनल मुकाबलें में 26 रन बनाने के अलावा उन्होंने 12 रन देकर 3 विकेट भी चटकाए थे। इस वजह से उन्हें मैन ऑफ द मैच का अवार्ड में मिला था। ये भी वर्तमान में कई न्यूज चैनलों में बतौर क्रिकेट एक्सपर्ट जुड़ते है।
5) यशपाल शर्मा:
यशपाल शर्मा ने 1983 वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ 89 रनों की शानदार पारी खेली थी। इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में भी उन्होंने 61 रनों की पारी खेली थी। हाल हीं में इनकी निधन हुआ है।
6) संदीप पाटिल:
संदीप पाटिल ने वेस्टइंडीज के खिलाफ फाइनल मैच में 27 रनों की पारी खेली थी। सन्यास लेने के बाद संदीप पाटिल ने केन्या टीम के कोच के रूप में भी काम कर चुके है। साल 2012 से लेकर 2016 तक पाटिल बीसीसीआई के चयन समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं।
7) कीर्ति आजाद:
कीर्ति आजाद के पिता भागवत झा आज़ाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री थे। क्रिकेट छोड़ने के बाद कीर्ति आजाद ने भी राजनीति में कदम रखा। साल 2014 में बीजेपी के साथ चुनाव लड़कर दरभंगा से लोकसभा सांसद बनें। हालांकि 2019 में उन्होंने कांग्रेस की सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ा पर हार गए।
8) रोजर बिन्नी:
रोजर बिन्नी 1983 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में भारत के सबसे गेंदबाज थे। उन्होंने इस टूर्नामेंट में कुल 18 विकेट चटकाए थे। बिन्नी 2012 में भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता रह चुके है। फिलहाल वो कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े हुए हैं।
9) मदन लाल:
मीडियम पेसर मदन लाल ने वर्ल्ड कप 1983 के फाइनल मैच में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 17 रन बनाने के अलावा उन्होंने 3 विकेट भी चटकाए थे। 1996-1997 तक भारतीय टीम को मुख्य कोच रह चुके है। अब वे दिल्ली के सीरी फोर्ट स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में क्रिकेट अकादमी चलाते हैं।
10) सैयद किरमानी (विकेटकीपर):
महान विकेटकीपर बल्लेबाज सैयद किरमानी सन्यास लेने के बाद र्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय चयन समिति के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं। कई चैनलों के लिए वे अब क्रिकेट विश्लेषक के तौर पर काम करते है।
11) बलविंदर संधू:
मध्यम गति के तेज गेंदबाज बलविंदर संधू मे 1983 के फाइनल मैच में 32 रन देकर 2 विकेट हासिल किए थे। क्रिकेट से सन्यास के बाद संधू मुंबई और पंजाब को कोच पद पर रह चुके है। फिलहाल वो अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण जीवन- यापन कर रहे है।