MP News: मध्य प्रदेश के देवास से पटवारियों के घोटाले का मामला सामने आया है. किसानों की फसलों के मुआवजे को लेकर पटवारी धोखाधड़ी कर रहे थे. इसका पता चलने पर देवास कलेक्टर ने जिले के कई ग्राम पंचायतों के पटवारियों को बर्खास्त कर दिया. कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने एक साथ 16 पटवारियों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया.
2 क्लर्क भी बर्खास्त
मामले में 16 पटवारियों के अलावा 2 क्लर्क पर भी कार्रवाई की गई है. पटवारियों ने किसानों की फसल में नुकसान को लेकर धांधली की थी. जांच में वित्तीय गड़बड़ी पाए जाने के बाद मामले में कार्रवाई की गई. इसी मामले में पहले भी ऐसी कार्रवाई की जा चुकी है. तब प्रशासन ने दो पटवारियों और दो लिपिकों को बर्खास्त किया गया था. अब 16 पटवारियों को कलेक्टर ने बर्खास्त किया है.
इन पटवारियों की सेवा की गई समाप्त
बंशीलाल डाबर, प्यार सिंह सोलंकी, अमित कुशवाहा, दिनेश सिसोदिया, दिलीप यादव, भैयालाल नरगावे, महेंद्र मंडलोई, नंदकिशोर शर्मा, अनिरुद्ध यादव, अनिल धुर्वे, रायसिंह देवड़ा, विकास सरोठिया, नवीन धीमान, अर्जुन वर्मा, रामोतार जोनवाल, और अजय चौधरी है. इसके साथ ही अनिल मालवीय (तहसील टोंकखुर्द) और समरथलाल जांगड़े (तहसील टोंकखुर्द) हैं. इसके अलावा कन्नौद तहसील में पदस्थ सहायक ग्रेड तीन राहुल कर्मा और तहसील कार्यालय सोनकच्छ में कार्यरत राहुल माली को भी बर्खास्त किया गया है.
डेढ़ करोड़ का किया घोटाला
पटवारियों ने किसानों को मिलने वाली राशि में 1.5 करोड़ का घपला कर दिया. जिले के किसानों के लिए फसल मुआवजा देने के लिए भेजी गई राशि को पटवारियों और कुछ क्लर्कों ने मिलीभगत कर गबन कर लिय. पुलिस ने इस घोटाले के आरोपिय़ों के खिलाफ धारा 420 और 409 के तहत प्रकरण दर्ज किए थे.मामले की प्रारंभिक जांच जिला प्रशासन ने की थी, इसमें कुल 35 पटवारियों और बाबुओं के खिलाफ जांच हुई थी.
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