भोपाल: मध्य प्रदेश के आंगनवाड़ी वर्कर्स के लिए खुशखबरी है। अब सरकार आंगनबाड़ियों में 6 साल तक के बच्चों के वजन और कद की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए मोबाइल खरीदकर नहीं देगी बल्कि उनके खातों में 10 रुपए डालेगी। 76,283 आंगनबाड़ी वर्करों के खाते में पैसा डाला जाएगा। आपको बता दें कि करीब 76 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, जिसके अनुसार हर एक कार्यकर्ता के खाते में 10 हजार रुपये डाले जाएंगे। जिससे की आंगनवाड़ी वर्कर्स अपनी पंद का मोबाइल खरीद सकेंगी।
केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी वर्करों को मोबाइल देने के लिए पोषण अभियान में करोड़ों का बजट दिया है, लेकिन प्रदेश में दो साल से आंगनवाड़ी वर्कर को मोबाइल नहीं मिला है। हालांकि गुरुवार को 9वीं बार टेंडर कैंसिल हुआ है।
9 बार निरस्त हुए टेंडर
सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों पर महिला बाल विकास विभाग ने टेंडर निरस्त कर दिए हैं। इसके लिए सरकार को पत्र लिखा गया था। वहीं आंगनबाड़ी वर्कर्स को DBT (डायरेक्ट टू बेनिफिट) से राशि की मंजूरी दी गई थी। अब वर्कर्स पसंद से 4जी मोबाइल खरीद सकते हैं। हालांकि इसके लिए प्रस्ताव अगली कैबिनेट में लाया जाएगा।
केंद्र की चेतावनी के बाद सख्त हुई सरकार
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में पोषण अभियान शुरु किया था। जिसके अनुसार केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में 6 साल तक के बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य की निगरानी के लिए आंगनवाड़ी वर्कर्स को मोबाइल फोन देने को कहा था और इसके साथ ही मोबाइल फोन में हर महीने केंद्र के कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (सीएएस) अपलोड करना थी। इसी का पालन करते हुए बड़े राज्यों ने कोरोनाकाल में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को घर भेजकर बच्चों के वजन और मोबाइल से मानिटरिंग शुरू हो चुकी है। लेकिन प्रदेश में काम शुरू नहीं हो पाया जिसे देखते हुए केंद्र ने विभाग को समीक्षा के दौरान स्पष्ठ कर दिया है कि अगर जनवरी तक मोबाइल से मानिटरिंग शुरु नहीं की गई तो यह असफल राज्यों की श्रेणी में डाल दिया जाएगा।