नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफि इंडिया (RBI) ने महाराष्ट्र के कराड जनता सहकारी बैंक (Karad Janata Sahakari Bank) का लाइसेंस निरस्त (License Cancelled) कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक केंद्रीय बैंक ने पर्याप्त पूंजी नहीं होने और बैंक की आमदनी से जुड़ी भविष्य की कमजोर संभावनाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया है। हालांकि इससे पहले भी आरबीआई ने नवंबर 2017 में कराड जनता सहकारी बैंक पर कुछ पाबंदियां लगाई थी। लेकिन इस बार लाइसेंस रद्द होने से बैंक पूरी तरह से बंद हो जाएगा।
इसलिए बैंक का लाइसेंस किया निरस्त
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक, (Section 22) के नियमों के अनुसार बैंक के पास अब पूंजी और कमाई की कोई गुंजाइश नहीं है। इस स्थिति में बैंक को चालू रखना जमाकर्ताओं के हित में नहीं रहेगा। वहीं कराड बैंक बैंकिंग रेगुलेशन, 1949 के सेक्शन-56 के मापदंडों पर खरा नहीं उतर पाया है। लेकिन बैंक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लाइसेंस रद्द होने के बाद भी 99% जमाकर्ताओं को उनकी पूंजी रिटर्न कर दी जाएगी।
7 दिसंबर के बाद फैसला प्रभावी
लाइसेंस रद्द करने का फैसला 7 दिसंबर के कामकाज के बाद प्रभावी हो गया है। इसके प्रभावी होने के साथ बैंक अब बैंकिंग से जुड़ी कोई गतिविधि नहीं कर सकता है। आरबीआई ने कहा है कि बैंक के लाइसेंस को रद्द करने और लिक्विडेशन की कार्यवाही शुरू करने के साथ ही जमाकर्ताओं को पैसे लौटाने का काम शुरू हो जाएगा।
डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट, 1961 (DICGC Act 1961) के तहत डिपॉजिटर्स को बैंक के लिक्विडेशन पर 5 लाख तक की रकम वापस मिल जाएगी। इसलिए 99 फीसदी डिपॉजिटर्स को बैंक में जमा अपनी पूरी पूंजी वापस मिल जाएगी।