भोपाल: ज्योतिरादित्य सिंधिया 11 दिनों बाद फिर से राजधानी भोपाल पहुंचे और सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। दोनों के बीच प्रदेश के विकास के मुद्दे पर बात हुई। हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार पर अभी कोई बात नहीं हुई।
बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 15 दिनों के भीतर दूसरी बार भोपाल दौरे पर आए। उपचुनाव के नतीजों के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार, निगम मंडलों में नियुक्ति और हारे मंत्रियों के पुनर्वास करने की अटकलों का बाजार गर्म है। पार्टी संगठन में भी नियुक्तियां होनी है। इन सब अटकलों के बीच 11 दिनों बाद भोपाल पहुंचे सिंधिया सीएम हाउस पहुंचे। विधायक तुलसी सिलावट गोविंद सिंह राजपूत, मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर मंत्री प्रभुराम चौधरी भी उनके साथ थे। मुख्यमंत्री के साथ उनकी करीब 10 मिनट तक मंत्रणा हुई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही कह चुके हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार की अभी कोई जल्दबाजी नहीं है। सिंधिया ने भी यही संकेत दिए कि उन्हें भी कोई हड़बड़ी नहीं है। इस दौरे में भी उनके मेल मुलाकात का सिलसिला जारी रहा। सबसे पहले उन्होंने नादिरा बस स्टैंड स्थित गुरूद्वारे में मत्था टेका। उसके बाद वे बीजेपी विधायक कृष्णा गौर से मिलने उनके निवास पहुंचे। कृष्णा गौर के खिलाफ कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले पूर्व पार्षद गिरीश शर्मा के घर भी गए। बीजेपी जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी से भी मिलने पहुंचे।
बीजेपी में आने के बाद सिंधिया समर्थक भी बदल गए हैं। अब कोई तामझाम नहीं, कोई नारेबाजी नहीं, किसी तरह का कोई शोर नहीं, शायद सिंधिया भी अपने व्यवहार से यही मैसेज देना चाहते हैं। लेकिन कांग्रेस उनके राजनीतिक आचार विचार में आए बदलाव पर तंज कसने से नहीं चूक रही है।
चोट खाई कांग्रेस सिंधिया के हर कदम पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। दूसरी तरफ बीजेपी की विचारधारा पर चलकर आगे बढ़ रहे महाराज भी कोई ऐसा संदेश नहीं देना चाहते जिससे संगठन और सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़े। अंदर की खबर हैं कि आने वाले दिनों मंत्रिमंडल विस्तार भी होगा। पूर्व मंत्रियों का पुनर्वास भी और संगठन में भी नियुक्तियां होंगी। लेकिन सब कुछ पार्टी की रीति और नीति के मुताबिक होगा।