हाइलाइट्स
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खाने खाने के बाद एक ही परिवार के 13 लोग बीमार
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इलाज के दौरान 7 साल के मासूम की मौत
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद होगा खुलासा
Betul MP News: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में फूड पॉइजनिंग का मामला सामने आया है। आपको बता दें कि पारिवारिक कार्यक्रम में खाना खाने के बाद एक ही परिवार के 13 लोग बीमार पड़ गए। वहीं, एक 7 साल के मासूम की मौत हो गई। परिवार के सभी सदस्यों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।
फूड पॉइजनिंग से मासूम की मौत: बैतूल में खाना खाने के बाद परिवार के 13 लोग बीमार, आपको न हो समस्या, बचने के लिए ये करें#foodpoisoning #betulnews #mpnews #MadhyaPradeshNews
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) May 22, 2024
खाना खाने के बाद एक ही परिवार के 13 लोग बीमार
मामला जिले के बैतूल बाजार (Betul MP News) का है। यहां रहने वाला गोलर परिवार एक कार्यक्रम में शामिल हुआ था। कार्यक्रम में खाना खाने के बाद से ही परिवार के सभी सदस्यों को उल्टी-दस्त की शिकायत होने लगी थी।
जिसका इलाज वे शहर के ही एक क्लीनिक में करा रहे थे। इसके बाद इलाज कराने के बावजूद हालत में सुधार नहीं आने पर गंभीर हालत में परिवार के सभी 13 सदस्यों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से बैतूल जिला अस्पताल (Betul MP News) रेफर किया गया।
इलाज के दौरान 7 साल के मासूम की मौत
जिला अस्पताल (Betul MP News) में परिवार के सभी 13 सदस्यों का इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान 7 साल के मासूम ने दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी मिलने पर स्वाथ्य विभाग की टीम पीड़ित परिवार के घर पहुंची। टीम ने पहुंचकर जांच कर आगे कार्रवाई की।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद होगा खुलासा
डॉक्टर के मुताबिक, बेतूल बाजार में रहने वाले परिवार के 13 सदस्य अस्पताल (Betul MP News) रेफर किए गए हैं। सभी सदस्यों को उल्टी-दस्त की शिकायत है। सभी का इलाज अभी चल रहा है। फिलहाल सबकी हालत स्थिर है।
इलाज के दैरान एक 7 साल के मासूम की मौत हुई है। बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही क्लियर हो पाएगा कि बच्चे की मौत फूड पॉइजनिंग के कारण हुई है या कोई अन्य कारण से।
ये लोग हुए बीमार
एक ही परिवार के बीमार हुए लोगों के नाम लता गूलर उम्र 31 साल, रेणुका सातपुते उम्र 30 साल, गोदी बाई गूलर उम्र 55 साल, प्रीति गूलर उम्र 30 साल, सरिता गूलर उम्र 32 साल, उमेश गूलर उम्र 45 साल, तेजल गूलर उम्र 9 साल, संवि गूलर उम्र 4 साल, सल्लू बाई उम्र 50 साल, पुष्पलता उम्र 16 साल, कलाबाई उम्र 60 साल, रमेश उम्र 60 साल हैं।
कैसे होता है फूड पॉइजनिंग?
गर्मी के दिनों में फूड पॉइजनिंग के मामले ज्यादा आ रहे हैं। आपको बता दें कि फूड पॉइजनिंग संक्रमित खाने पर होता है। फूड पॉइजनिंग स्टेफायलोकोकस या ई-कोलाई बैक्टीरिया के कारण होता है। खाना खाने के 2 से 6 घंटे बाद इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं।
क्या है फूड पॉइजनिंग के लक्षण?
– पेट दर्द और मरोड़ उठना
– उल्टी बार-बार होना
– सिर में दर्द और चक्कर आना
– पेट फूलना
– बुखार के साथ जोड़ों में दर्द होना
फूड पॉइजनिंग से कैसे बचा जाए?
हाथ धोए: कच्चे मांस या अंडे को छूने से पहले और बाद में अपने हाथ अच्छी तरह से धोएं। साबुन और पानी से करीब 20 सेकंड तक अच्छे से धोएं।
खाने को अच्छी तरह से पकाएं: खाना बनाते समय मांस, अंडी वाली सब्जी को अच्छे से पकाएं, ताकि खाना कच्चा न रहे। सब्जियों को अलग-अलग बर्तन में रखें। बर्तनों को बिना धोए उपयोग में न लाएं।
बचे हुए खाने को दोबारा गर्म करें: अगर कभी खाना बच जाता है, तो उसे 24 घंटे के अंदर खाने की कोशिश करें। खाने से पहले उसे गर्म करें। ताकि पता चल सके कि खाना खराब है या सही। कई बार फ्रिज से खाना निकाला और खा लिया ऐसे करने से पता नहीं लग पाता कि खाना सही था या खराब?
खुली जगह में रखे फूड को खाने से बचें: हमेशा ध्यान रखे कि खुले में अगर कोई फूड बेच रहा है, तो उससे नहीं खरीदें। उसे फूड को खाने से बचें। साथ ही प्लास्टिक के बर्तन में रखे भोजन को खाने से बचे। अच्छा साफ पानी पिए। संक्रमित पानी के पीने से भी फूड पॉइजनिंग का शिकार हो सकते है।
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