12th Board Topper: बुधवार 24 अप्रैल को 12वीं बोर्ड के परिणाम जारी कर दिए गए। इसमें तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली इंदौर की फाल्गुनी पवार (12th Board Topper) काफी सुर्खियों में हैं। उनकी सुर्खियां बटोरने का कारण उनकी मेहनत हैं।
दरअसल फाल्गुनी पवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है, लेकिन उसके बावजूद उन्होंने पढ़ाई में मन बनाया और पूरे प्रदेश मे न सिर्फ अपने स्कूल का बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी रौशन किया।
चलिए आपको बताते हैं इंदौर के कुलकर्णी नगर में रहने वाली फाल्गुनी पवार के संघर्ष की कहानी जिसे सुन कर आपकी आंखे भी नम हो जाएगी।
बारिश में टपकती थी छत
फाल्गुनी पवार (12th Board Topper) के पिता लक्ष्मण पवार एक कंपनी में ऑफिस बॉय का काम करते हैं, जहां उनकी सैलरी मात्र 14 हजार रुपये है।
जबकि उनके परिवार में पत्नी, बुजुर्ग मां व तीन बच्चों सहित छह लोग रहते हैं। बता दें कि फाल्गुनी पवार इंदौर के कुलकर्णी नगर की रहने वाली है।
काफी वर्षों से उनका पूरा परिवार यहां एक कच्चे मकान में रहता है। जहां टिन की छत होने के कारण बारिश में काफी पानी टपकता है।
वहीं तेज आंधी आने के कारण टिन उड़ने लगती है। जिसकी वजह ने उन्होंने टिन पर भारी पत्थर रखे हुए हैं।
फाल्गुनी का सपना आईएएस बनने का
फाल्गुनी पावर (12th Board Topper) के पिता लक्ष्मण पवार ने बताया कि उनके पास फाल्गुनी की 12वीं की पढ़ाई और एक्जाम के लिए पैसे नहीं थे।
उन्होंने इसके लिए अपने ऑफिस में मदद मांगी और उन्होंने 24 हजार रुपये की सहायता की। उन्होंने आगे कहा कि फाल्गुनी का सपना आईएएस बनने का है।
हम उनको आईएएस बनाने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ेंगे, चाहे उसके लिए हमें कितना भी संघर्ष करना पड़े।
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शुरू से ही होनहार थीं फाल्गुनी
पिता ने कहा कि फाल्गुनी (12th Board Topper) शुरू से ही काफी पढ़ने वाली छात्रा रही है। वह हर समय सिर्फ पढ़ाई करती रहती है।
वहीं फाल्गुनी के 10वीं बोर्ड में 86 प्रतिशत अंक आए थे। जबकि 11वीं में 89 प्रतिशत अंक फाल्गुनी से हासिल किए थे।
पिता ने आगे कहा कि फाल्गुनी की सराहना उसके स्कूल टीचर, रिश्तेदार और आसपास के लोग भी करते रहते हैं।
सरकार से लगाई गुहार
लक्ष्मण पवार ने सरकार से उम्मीद कि है कि वह बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और परिवार का गुजारा करने के लिए थोड़ी बहुत मदद करें, जिससे उन्हें किसी से उधार लेना न पड़े।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके रिश्तेदार उनकी मदद के लिए आगे आना चाहते हैं, लेकिन एक ना एक दिन उधार का पैसा वापस तो करना पड़ेंगा।
उन्होंने उम्मीद की है कि ऐसे में अगर सरकार उनकी सहायता करेगी तो बेहतर होगा। फाल्गुनी पवार के पिता ने यह भी कहा कि उन्होंने प्रधानमत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं लिया है।
उन्होंने कहा कि वह पक्का मकान इसलिए नहीं बनवा पाए थे क्योंकि वह सोच रहे थे कि वह किश्तें कहा से भरेंगे। उन्होंने कहा कि परिवार का ठीक से खाना-पिना हो जाए वहीं अच्छा है और इसके साथ बच्चों की पढ़ाई सही से हो जाए बस।
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