हाइलाइट्स
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हरदा पटाखा फैक्ट्री जांच में मिली थीं 11 बड़ी गड़बड़ियां।
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इसके बावजूद कंपनी पर नहीं लिया गया कोई ठोस एक्शन।
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ढेरों गड़बड़ियों की शिकायत पर 2022 में हुई थी जांच ।
Harda Factory Blast: हरदा के रिहायशी इलाके में चल रही इस पटाखा फैक्ट्री में ढेरों गड़बड़ियों की शिकायत पर 2022 में जांच हुई थी। तत्कालीन हरदा SDM श्रुति अग्रवाल की जांच में 11 बड़ी गड़बड़ियां सामने आई थीं। इसके बावजूद इस कंपनी पर कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया और फैक्ट्री चलती रही। उन 11 में से प्रमुख 5 खामियां कुछ इस प्रकार हैं….
1- पटाखा बनाने वाली कंपनी के स्वीकृत नक्शे/ ड्राइंग की जानकारी से जुड़े दस्तावेज अनिवार्य रूप से मौके पर होने चाहिए थे।
जांच में मिला: टीम ने पाया कि कंपनी के स्वीकृत नक्शे और ड्राइंग नहीं थी।
2- शर्तों के अनुसार आतिशबाजी बारूद का विनिर्माण एक मंजिल भवन के अंदर किया जाना चाहिए और भवन के सभी दरवाजे बाहर की तरफ खुलने चाहिए थे।
जांच में मिला: भवन 2 मंजिला बना था। बिल्डिंग में (Harda Factory Blast) पहले तल पर पटाखों का निर्माण किया जा रहा था और उसी बिल्डिंग में पटाखे और उसका सामान रखा पाया गया।
3- शर्त ये है कि विस्फोटक ऐसे एक मंजिला हल्के सन्निर्मित कमरे में बनाए जाएंगे जो केवल ऐसे विनिर्माण के प्रयोजन के लिए रखे गए हैं और जो भंडारण स्थान से 45 मीटर की दूर पर हो।
जांच में मिला: पटाखा कंपनी में मैन्युफैक्चरिंग संबंधित व्यवस्थाएं कमरे की व्यवस्था और स्टोरेज एक ही बिल्डिंग में होना पाया गया।
4- एक समय में पूरे कारखाने में विस्फोटकों की ज्यादातर मात्रा LE-1 से ज्यादा नहीं होगी।
जांच में मिला: मौके पर करीब 7 लाख 35 हजार नग सुतली बमों के साथ अन्य प्रकार के पटाखे पाए गए। जो कि तय 15 किलोग्राम मात्रा से कई गुना ज्यादा मात्रा में मैन्युफैक्चरिंग कर तैयार किए जा रहे थे।
5- कम से कम 15 सेमी से ज्यादा गहरी सीमेंट की ट्रोजिमा/ ट्रफ को या भंडारघर के हर एक दरवाजे पर लगाया जाना चाहिए था। ऐसे ट्रोजिमा में स्वच्छ जल भरा जाएगा। कोई व्यक्ति ऐसी ट्रोजिमा में बगैर पैर डुबोए अंदर नहीं जाएगा। जांच में पाया गया कि इस तरह के किसी भी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था।