बात उस दौर की है जब मुगल साम्राज्य पर मोहम्मद शाह रंगीला का शासन था। दिल्ली की हुकूमत भी मुगलों के हाथों में थी। उस समय दिल्ली भारत का सबसे सुंदर शहरों में से एक था। दिल्ली की विशाल इमारतें, कलाकृति देखने के लिए दूर दूद से सैलानी आते थे। देश में दिल्ली की शोहरत दिनो दिन बढ़ती जा रही थी। वह दिल्ली की खबरे नादिर शाह तक पहुंच रही थी। नादिर शाह किसी नवाबी परिवार से नहीं था। नादिर शाह ने ईरान से भी दूर एक क्षेत्र में जन्म लिया था। वह जंगलों में लकड़ियां बीनने का काम करता था। लेकिन वह अपनी दम पर दुनिया की सबसे खतरनाक सैना का कमांडर बन गया था। उस दौर में दुनिया की सबसे बड़ी घटना होने वाली थी, जो किसी ने नहीं सोची थी।
बेरहमी और कुख्यात नादीर शाह
बताया जाता है कि नादिर शाह एक लंबा हट्टा-कट्टा काली आंखों वाला शासक था। वह काफी बेरहम और कुख्यात था। वह अपने विरोधियों को किसी भी किमत पर नहीं छोड़ता था। लेकिन जो उसकी जी-हुजूरी करता था उसके प्रति उसकी अच्छी भावना थी। 1738 की जुलाई की वो शाम जब नादिर शाह हिन्दुस्तान पहुंचा। लेकिन दिल्ली दूर थी। वही ज़फर खान रोशन-उद-दौला की बात करते तो उसके पास इतना धन था कि कभी किसी ने कल्पना नहीं की होगी। जफर का घर मानो सोने का महल था। महल की दीवारों पर सोने का पहाड़ जैसा था। उसके पास इतना धन था कि जब वह रास्ते से गुजरता था तो वह लोगों को धन बांटता चला जाता था।
हुई इतिहास की सबसे बड़ी लूट
दिल्ली के रईसों की शोहरत ने नादिर शाह के दिमाग में लूट की योजना पैदा कर दी थी। इसके बाद नादिर शाह ने दिल्ली में जो लूट मचाई उसकी खबर-दूर-दूर तक पहुंची। इतिहासकारों की माने तो नादिर शाह ने जो लूट मचाई थी उसकी कीमत उस दौर में 70 करोड़ रुपये थी। आज की बात करे तो 156 अरब डॉलर है यानी करीब 10 लाख 50 हजार करोड़ रुपये थे। वो इतिहास की सबसे बड़ी लूट थी। नादिर शाह की लूट सिर्फ खजाने तक सीमित नहीं रही, वह अपने साथ नृत्यांगनाओं, हकीम, वास्तुकारों को भी लूटकर ले गया था।
लूट बना बादशाह का पतन
इतिहास की सबसे बड़ी उस लूट ने मोहम्मद शाह को बुरी तरह तोड़ दिया था। इतिहास में मोहम्मद शाह को मुगल साम्राज्य के पतन का जिम्मेदार बताया गया। इतिहासकारों का कहना है वह इतना बुरा शासक भी नहीं था। उसके दौर में भी कला, संस्कृति, इमारतों का विकास हुआ। लेकिन उस लूट के बाद मोहम्मद शाह अपने कई दुश्मनों को हरा पाने में विफल हो गया। धीरे-धीरे उसके साम्राज्य के साथ प्रशासनिक संस्थानों का पतन होने लगा।
नादिर का हमला, अंग्रेजों के खुले भाग्य
नादिर शाह ने दिल्ली पर हमला कर कोहराम मचा दिया था। जब इस बात की खबर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को लगी। इस घटना के कारण अंग्रेजों को मुगलों की कई कमजोरियां पता चलीं। इतिहासकारों का मानना है कि अंग्रेजों ने इसका भरपूर फायदा उठाया। इतिहासकारों की माने तो अगर नादिर शाह दिल्ली पर हमला नहीं करता तो शायद भारत में अंग्रेज राज नहीं कर पाते। या फिर अंग्रेजों का शासन देर से शुरू होता।