हाइलाइट्स
-
PSC-2022 की परीक्षा की दोबारा खोली लिंक
-
5 अप्रैल से कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन
-
अनुभव के आधार अतिथि विद्वानों को छूट
Assistant Professor Bharti: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग PSC की परीक्षा आयोजित कराता है। आयोग की असिस्टेंट प्रोफेसर की MPPSC- 2022 की परीक्षा के लिए फिर से नई गाइड-लाइन जारी की गई है।
इस गाइडलाइन में अब 58 साल के आवेदक भी इस परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। बता दें कि इस नई गाइडलाइन से पहले प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में पढ़ा रहे अतिथि विद्वानों ने परीक्षा का विरोध किया था।
मप्र लोक सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती (Assistant Professor Bharti) परीक्षा के लिए दोबारा से लिंक ओपन की है।
जिसमें आवेदक नियत तारीख तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आयोग की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 5 अप्रैल 2024 से शुरू होगी।
रिटायरमेंट की उम्र 65 साल
बता दें कि असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती (Assistant Professor Bharti) 2022 की परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके लिए अब सहायक प्राध्यापक बनने के लिए उम्र सीमा 58 साल कर दी है।
बता दें कि यह उम्र रिटायरमेंट के समय की मानी जाती है। हालांकि अभी एमपी में प्राध्यापक के रिटायरमेंट की उम्र 65 साल है।
बता दें कि एमपी में प्राध्यापक, चिकित्सक, स्टाफ नर्स और अन्य सेवाओं में भी 65 साल की सेवानिवृत्ति आयु है। बाकी विभागों में 62 वर्ष चल रहा है।
अभी भी अतिथि विद्वानों का विरोध
बता दें कि मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में रिक्त पदों के विरुद्ध वर्षों से सेवा देने वाले अतिथि विद्वानों ने सहायक प्राध्यापक भर्ती (Assistant Professor Bharti) का विरोध शुरू कर दिया है।
इधर लोक सेवा आयोग ने अपना शेड्यूल जारी कर दिया है। अभी उच्च शिक्षा विभाग में लगभग 5 हजार अतिथि विद्वान रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा दे रहे हैं।
इनमें से लगभग 4 हजार अतिथि विद्वान यूजीसी योग्यता रखते हैं। साथ ही 15 से 20 वर्षों का लंबा सेवा का अनुभव है। वहीं लगभग 1 हजार अभी भी यूजीसी योग्यता नहीं रखते।
इन अतिथि विद्वानों ने अपना विरोध जताया है।
अतिथि विद्वानों की उम्र रिटायरमेंट की
अतिथि विद्वान महासंघ ने बताया कि वर्ष 2022 में लोक सेवा आयोग ने एमपीपीएससी के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती (Assistant Professor Bharti) के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें अनुभवी अतिथि विद्वानों के लिए कोई छूट नहीं दी गई थी।
इसके बाद अतिथियों ने इसका जमकर विरोध किया। जिसके बाद हाल ही में आयोग ने इस 2022 की भर्ती परीक्षा के नियमों में बदलाव कर अतिथि विद्वानों को छूट दी गई है।
जिसमें अतिथि विद्वानों को उम्र में 10 वर्ष की छूट दी गई है, लेकिन इससे भी कई उम्रदराज अतिथि विद्वान वंचित रह जाएंगे, क्योकि इनकी उम्र 60 से 62 वर्ष हो गई है।
ऐसे में कई अतिथि विद्वान बिना नियमित हुए ही रिटायर हो जाएंगे और उन्हें एक सरकारी कर्मचारी को मिलने वाली सुविधा, पेंशन समेत अन्य राहत नहीं मिल सकेगी।
अतिथि विद्वानों की ये भी मांग
अतिथि विद्वान महासंघ का कहना है कि अभी उच्च शिक्षा विभाग में रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा देने वाले अतिथि विद्वानों की संख्या 5 हजार है। वहीं बची हुई सीट लगभग 2 हजार है।
सरकार चाहे तो अतिथि विद्वानों (Assistant Professor Bharti) को मर्ज कर समायोजन कर सकती है। इसके बाद बचे हुए पदों पर पीएससी की भर्ती कर वर्षों से चल रहे इस विवाद को भी समाप्त कर सकती है।
इस संबंध में प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. अविनाश मिश्रा ने बताया कि सरकार खुद बोल चुकी है कि अतिथि विद्वानों को नियमित करना है, लेकिन अभी इस पर निर्णय नहीं हो पाया है।
अतिथि विद्वानों ने 50 हजार रुपए फिक्स वेतन की मांग की है। जबकि अभी 1500 से 200 हजार रुपए प्रति कार्यदिवस दिया जा रहा है।
विद्वानों के साथ न्याय हो
अतिथि विद्वान (Assistant Professor Bharti) महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह का कहना है कि सब कुछ सरकार के दृढ़ इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है।
सरकार अतिथि विद्वानों का समायोजन कर स्थाईकरण कर सकती है। सरकार बचे हुए पदों पर भर्ती करें इस पर महासंघ को कोई भी आपत्ति नहीं है।
मुख्यमंत्री खुद समायोजन करने का वचन दे चुके हैं। अतिथि विद्वानों के साथ न्याय करें। अतिथि विद्वानों ने अपनी मांगों को लेकर पूर्व में कई बार ज्ञापन दिया है।
युवाओं से कॉम्पिटिशन संभव नहीं
अतिथि विद्वानों का कहना है कि अतिथि विद्वानों के लिए 10 वर्ष की छूट की राहत कोई खास नहीं है, क्योंकि ये सभी विद्वान कॉम्पिटिशन की दौड़ से बाहर हो गए हैं।
सब्जेटिक्स की परीक्षा में तो ये 58 साल तक के विद्वान पास हो सकते हैं, जबकि सामान्य ज्ञान समेत प्री एग्जाम में सामान्य ज्ञान के पेपर में युवा कॉम्पीटीटर आगे रहेंगे।
ऐसे में युवाओं के पास इस परीक्षा में पास होने का अवसर भी ज्यादा होगा।
विवादित होने का आरोप
अतिथि विद्वान महासंघ के डॉ. आशीष पांडेय का कहना है कि हमारी मांग है कि सरकार अतिथि विद्वानों (Assistant Professor Bharti) को तत्काल नियमित करें।
वहीं प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि ये भर्ती प्रक्रिया ही विवादित है। 2017 में हुई परीक्षा के मामले कोर्ट में लंबित है। इस परीक्षा 2022 को लेकर भी कई शिकायतें हो चुकी हैं।
ये भर्ती परीक्षा भी विवादित हो चुकी है।
13 अप्रैल तक कर सकते हैं आवेदन
लोक सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा 2022 के लिए फिर से लिंक ओपन की है। इसमें अतिथि विद्वानों को 10 वर्ष की छूट अनुभव के आधार पर देने का निर्णय लिया है।
आयोग की वेबसाइट पर सभी आवेदन कर सकते हैं। जिसमें इस परीक्षा के पात्र आवेदकों को ही शामिल किया जाएगा।
दोबारा से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 5 अप्रैल से शुरू की जा रही है, जो कि 13 अप्रैल तक दोपहर 12 बजे तक रहेगी। इस बीच आप आवेदन कर सकते हैं। इसको लेकर पीएससी ने शेड्यूल जारी किया है।
लेट फीस से भी कर सकेंगे आवेदन
ऐसे आवेदक जो बिना लेट फीस के ऑनलाइन आवेदन जमा नहीं कर पाए हैं, ऐसे आवेदक 20 से 30 अप्रैल तक लेट फीस के साथ आवेदन कर सकेंगे।
इसमें सामान्य फीस के अतिरिक्त 25 हजार रुपए लेट फीस के रूप में चुकाना होगी। इसके अलावा ऑनलाइन आवेदन में त्रुटि सुधार के लिए सुधार करने की अंतिम तारीख दो मई निर्धारित की गई है।
इन विषयों पर इतने पद
असिस्टेंट प्रोफेसर (Assistant Professor Bharti) के लिए अलग-अलग विषयों में पीएससी के माध्यम से भर्ती की जाएगी। इसके लिए दोबारा से लिंक ओपन की गई है।
जिन विषयों के सहायक प्राध्यापकों की भर्ती होना है, उन विषयों में अंग्रेजी में 200, बॉटनी 126, कॉमर्स 124, केमेस्ट्री 160, अर्थशास्त्र 104, हिंदी 116, लॉ 29, जियोग्राफी 23, होम साइंस 42, हिस्ट्री 77 पदों पर भर्ती की जाएगी।