Naxalite Attack: बुधवार 26 अप्रैल को छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला नक्सली हमले से दहल उठा। नक्सलियों द्वारा घात लगा कर सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहे काफिले पर किए गए IED ब्लास्ट में जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के 10 जवान शहीद हो गए। इसके साथ ही गाड़ी के चालक की भी ब्लास्ट में मौत हो गई।
जानिए कैसे हमले को दिया अंजाम
जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम देने के लिए 40 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री वाले इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का इस्तेमाल किया था। जैसे ही किराए के मिनीवैन से आ रहे DRG के जवान उस रास्त से गुजरे, रिमोट से कंट्रोल करते हुए IED को ब्लास्ट कर दिया गया। ब्लास्ट इतना खतरनाक था कि जहां ये हादसा हुआ वहां 20 फीट चौड़ा और 10 फीट गहरा गड्ढा बन गया। वहीं गाड़ी के परखच्चे 20 फीट दूर दिखाई दिए। हमले में जवानों की बॉडी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी।
बता दें कि हमला दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र में अरनपुर-समेली के बीच हुआ। बताया जा रहा है कि जवान मंगलवार रात हार्डकोर नक्सली कमांडर और 8 लाख के इनामी जगदीश की सूचना पर निकले थे। बुधवार सुबह करीब 7 बजे यहां पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। जिसमें 2 नक्सलियों को पकड़ा भी गया था। हालांकि, इसी दौरान ऑपरेशन से लौट रहे जवानों के वाहन को धमाके से उड़ा दिया गया।
पीएम ने जताया दुख
दंतेवाड़ा में हुए बड़े नक्सली हमले पर प्रधानमंत्री मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने कहा- दंतेवाड़ा में छत्तीसगढ़ पुलिस पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हम हमले में शहीद हुए बहादुर जवानों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
नक्सलियों को बख्शेंगे नहीं
उधर छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले के बाद सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि शहीदों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। नक्सलियों को बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि वह शहीदों को श्रद्धांजलि देने गुरूवार को दंतेवाड़ा जाएंगे। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बघेल को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।
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जानिए DRG के जवानों को
बता दें कि जिला रिजर्व गार्ड यानी DRG छत्तीसगढ़ में सबसे सक्रिय पुलिस बलों में से एक है। DRG के जवान नक्सलियों से मोर्चा संभालने के लिए जाने जाते है। डीआरजी के जवानों को ज्यादातर स्थानीय आदिवासी आबादी से भर्ती किया जाता है, जिन्हें नक्सलियों से लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। कई बार सरेंडर कर चुके नक्सलियों को भी डीआरजी में भर्ती किया जाता है।
पिछले दो सालों में राज्य में सुरक्षा बलों पर नक्सलियों का यह सबसे बड़ा हमला है। छत्तीसगढ़ में होने वाले सबसे घातक नक्सल हमलों में से एक इस दंतेवाड़ा हमले ने राज्य सरकार को हिलाकर रख दिया है। हमले के बाद इलाके में बड़े लेवल पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
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