10 Elephants Died In Bandhavgarh:मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जांच टीम से रिपोर्ट ली। वहीं आज रिव्यू बैठक के बाद वन विभाग को एलिफेंट टॉस्क फोर्स गठित करने के निर्देश दिए और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी को सस्पेंड कर दिया। इसके साथ उप वनमंडल अधिकारी सहायक वन संरक्षक (ASF) फतेसिंह निनामा को भी सस्पेंड किया है। जो घटना से पहले छुट्टी पर गए थे और जानकारी मिलने पर भी वापस नहीं लौटे। इसे काम में लापरवाही मानते हुए सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया।
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लापरवाही के चलते 2 अधिकारी सस्पेंड
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत के मामले में दो अधिकारियों को निलंबित किया गया – फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और उप वनमंडल अधिकारी फतेसिंह निनामा। गौरव चौधरी घटना से पहले छुट्टी पर गए और जानकारी मिलने पर वापस नहीं लौटे, जबकि फतेसिंह निनामा पर लापरवाही और समय पर नेतृत्व न देने के आरोप हैं।
राज्य स्तरीय हाथी टास्क फोर्स बनाएंगे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि मध्य प्रदेश में राज्य स्तरीय हाथी टास्क फोर्स बनाया जाएगा। हाथी मित्र नियुक्त किए जाएंगे और सोलर फेंसिंग से किसानों की फसलों को बचाया जाएगा। इसके अलावा, कृषि वानिकी और अन्य वैकल्पिक कार्यों से किसानों को जोड़ने के प्रयास होंगे। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में हाथियों की बसाहट और सह अस्तित्व को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय वन मंत्री से चर्चा हुई है।
साजिश का एंगल नहीं मिला
मुख्यमंत्री ने हाथियों की मौत के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की। टीम ने जांच के बाद रिपोर्ट सौंपी, जिसमें किसी मानवीय साजिश का कोई संकेत नहीं मिला। प्रारंभिक रिपोर्ट में भी हाथियों के पेट में कीटनाशक नहीं पाया गया, जिससे मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है।
कोदो की जांच, हाथियों की मौत का राज खोलेगी
हाथियों की मौत के कारण की जांच में वन विभाग ने महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगाया है। हाथियों के पेट में बड़ी मात्रा में कोदो मिला है, जिसका सैंपल जांच के लिए लैब भेजा गया है। आशंका है कि कोदो में फंगस होने से वह जहरीला हो गया होगा, जिससे हाथियों की मौत हुई होगी। फंगस से कोदो में टॉक्सिन बनता है, जो खाने के बाद चक्कर और उलटी का कारण बनता है।