शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के एक दिन बाद, सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को पिछली भाजपा सरकार द्वारा दिए गए सभी सेवा विस्तार या पुनर्नियोजन को समाप्त करने का निर्देश दिया और इस साल एक अप्रैल से पिछले मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए सभी निर्णयों की समीक्षा करने की घोषणा की। सुक्खू ने रविवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और मंत्रिमंडल में 10 और मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। मुख्य सचिव की ओर से सोमवार को जारी आदेश के अनुसार मंदिर समितियों और शहरी स्थानीय निकायों सहित बोर्डों और निगमों, स्वायत्त निकायों, सहकारी संस्थाओं और अन्य समितियों में सभी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मनोनीत सदस्यों की नियुक्तियां तत्काल समाप्त की जाती हैं।
आदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों को छोड़कर, सभी सेवाओं में विस्तार या पुन: रोजगार को तुरंत समाप्त करने की बात कही गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि एक अप्रैल, 2022 से जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार द्वारा लिए गए सभी निर्णयों की समीक्षा की जाएगी और संस्थानों के निर्माण और उन्नयन के लिए अधिसूचनाओं को रद्द किया जाएगा और प्रशासनिक विभाग मंत्रिमंडल के विचार के लिए प्रस्ताव नए सिरे से प्रस्तुत सकते हैं।
इसके अलावा, आदेश में कहा गया है कि राज्य लोक सेवा आयोग और राज्य अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से की जा रही भर्ती प्रक्रिया को छोड़कर, सरकारी विभागों, बोर्डों और राज्य सरकार के स्वायत्त निकायों, सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में चल रही भर्ती प्रक्रिया को स्थगित रखा जाए। हालांकि, ये आदेश सरकारी मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य संस्थानों पर लागू नहीं होंगे और जिन स्थानांतरण आदेशों को लागू नहीं किया गया है, उनके संबंध में यथास्थिति बनाए रखी जाएगी। सभी कार्यालयों को निर्देशित किया गया है कि वे पंप संचालकों, फिल्टर, अलग-अलग काम करने वाले कर्मियों, रसोइयों और सहायकों आदि के संबंध में कोई नया नियुक्ति पत्र या आवेदन आमंत्रित करने का नोटिस जारी न करें।
जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता ने विभाग के सभी अधिकारियों को किसी भी कारण से क्षतिग्रस्त हुए सभी शिलान्यासों को बहाल करने का भी निर्देश दिया। सरकार ने एक जून 2022 से पिछले छह महीनों के दौरान पिछली सरकार द्वारा किए गए सभी शिलान्यासों का विवरण भी 15 दिसंबर 2022 तक मुख्यमंत्री कार्यालय में जमा करने के लिए कहा।आदेश में कहा गया है कि प्रक्रियाधीन सभी लंबित निविदाओं को रोक दिया जाएगा और अगले आदेश तक किसी भी परिस्थिति में कोई काम नहीं दिया जाएगा और कोई नई निविदा आमंत्रित नहीं की जाएगी।