सोने की कीमतों में गिरावट का सिलसिला सोमवार से ही जारी है. बुधवार को वायदा बाजार में सोना करीब 2374 रुपये टूट गया. इसके साथी सोना अपनी ऐतिहासिक उंचाई से करीब 6,636 रुपये टूटा और 50 हजार से नीचे पहुंच गया।
बुधवार को भारतीय वायदा बाजार में सोने में जबरदस्त गिरावट आई है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गिरावट का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 5 फीसदी तक टूटा है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि घरेलू बाजारों में सोने की कीमतें और गिर सकती है मौजूदा स्तर से कीमतें 5-8 फीसदी तक की गिरने की संभावना है।
आगे क्या जारी रहेगी गिरावट
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सोना अक्सर मुश्किल समय पर चमकता है. 1970 के दशक में आई मंदी में सोने की कीमतें नए शिखर पर पहुंची. इसके बाद 2008 की आर्थिक मंदी में भी ऐसा ही दौर देखने को मिला। आंकड़ों पर नज़र डालें तो 80 के दशक मे सोना सात गुना से ज्यादा चढ़कर 850 डॉलर प्रति औंस की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। यह 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद फिर से बढ़ गया, जो 2011 में 1900 डॉलर के पार चला गया. लेकिन फिर काफी गिर गया था. इसीलिए अब माना जा रहा है कि अगर कोरोना की वैक्सीन आ गई और ये पूरी तरह से सफल रही तो सोने की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिलेगी।