आपने अक्सर सूअरों को कीचड़ में देखा होगा, खास तौर पर भारत में। विदेशों में सूचर कीचड़ों नहीं रहतें! लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर सूअर कीचड़ में ही क्यों घूमते है, कीचड़ में ही क्यों सोते है? दरअसल, इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है। सूअरों में अन्य जानवरों की तरह पसीने की ग्रंथियां नहीं होती है, जिसके चलते उन्हें पसीना नहीं आता है। सूअर अपने शरीर को ठंड़ा रखने के लिए कीचड़ का सहारा लेते है।
सबसे साफ-सुथरे होते है सुअर?
सूअर को वैसे तो सबसे गंदा जानवर माना जाता है, लेकिन एक रिपोर्ट की माने तो सूअर सबसे साफ और सुधरे जानवरों में से एक है। दरअसल, सूअर जहां भी सोते है वहां शौच नहीं करते है। सूअर पसंद का खाना ही खाना पसंद करते है। सूअर अपने नवजात बच्चों को सोने के लिए जगह छोड़ देते है।
सूअरों को नहीं आता पसीना
सुअरों को अन्य जानवरों की अपेक्षा पसीना नहीं आता है। सूअरों के शरीर में पसीने की ग्रंथियां नहीं होती है। वह अपने शरीर को ठंड़ा रखने के लिए कीचड़ का सहारा लेते है। एक बात यह भी है कि सूअर धूप से अपनी त्वचा को बचाने के लिए कीचड़ का सहारा लेते है।
कुत्ते से समझदार होते है सूअर
सूअरों में एक मानव बच्चे की बुद्धि होती है सुअरों को दुनिया के पांचवें सबसे समझदार जानवरों के रूप में जाना जाता है। सूअर एक कुत्ते से भी अधिक समझदार होते है। सूअर को कोई भी काम सीखने में एक सप्ताह से अधिक का समय नहीं लगता है। मादा सूअर अपने बच्चों को दूध पिलाते समय गाती हैं। नवजात सूअर अपनी मां की आवाज की ओर दौड़ना सीखते हैं, और सूअर लगातार एक दूसरे के साथ डॉयलॉग करते हैं।
सूअर भी देखते हैं सपने
क्या आपने कभी सूअरों का ढेर देखा है? सूअर एक-दूसरे के करीब सोते हुए एक-दूसरे से जुड़े रहना पसंद करते हैं, अक्सर अपने दोस्तों को छूना सुनिश्चित करते हैं जब वे सपनों की दुनिया में न चले जाए।