भोपाल. गृह एवं जेल मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में सुशासन के लिये उत्कृष्ट रोडमेप तैयार किया जायेगा। वे मंत्रालय में रोडमेप के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने के लिये मंत्रि-परिषद समूह की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से सहकारिता मंत्री अरविन्द भदौरिया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया भी शामिल हुए।
बैठक में वीडियो कॉफ्रेंसिंग से कृषि मंत्री कमल पटेल ने सुझाव दिया कि सुशासन की स्थापना और आम जनता को योजनाओं का बेहतर तरीके से लाभ देने के लिये जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिये। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों और नगरीय निकायों की जनता की समस्याएं स्थानीय स्तर पर ही निराकृत करने के लिये बेहतर सुशासन की जरूरत है। खनिज एवं साधन मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि वन और राजस्व की भूमि के चिन्हांकन के लिये समय-सीमा तय की जाना चाहिये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा ने सुशासन के रोडमेप के ड्राफ्ट में शामिल किये गये प्रमुख बिन्दुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ड्राफ्ट में डैसबोर्ड, नॉलेज मैनेजमेन्ट प्लेटफार्म, मॉनिटरिंग सिस्टम, एनजीओ के नियमित सोशल ऑडिट, नियमों एवं कानूनों का सरलीकरण, एक ही वेबसाइट पर सारे नियम और कानून, एक गतिविधि विशेषयक- एक समेकित कानून, एक पोर्टल पर सभी योजनाओं से संबंधित पात्रता एवं योग्यता की जानकारी, फेसलेस तकनीक का उपयोग, आउटसोर्सिंग कारपोरेशन का गठन, अधिकारी-कर्मचारियों का कैडर रिव्यू, न्यू पेंशन स्क्रीम की समुचित मॉनिटरिंग के लिये उचित प्रबंधन किये जाने के लिये ड्राफ्ट में समय-सीमा तय किये जाने पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।
गृह एवं जेल मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में सुशासन के लिये 8 अगस्त को आयोजित वेबिनार में प्राप्त सुझावों पर 14 अगस्त को पहली बार मंत्रि-परिषद समूह ने चर्चा की थी। आज 20 अगस्त को रोडमेप के ड्राफ्ट पर पुन: चर्चा की गई है। शीघ्र ही इसे अंतिम रूप दिया जाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपा जायेगा।