नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पर सड़क सुरक्षा बेहतर बनाने और यातायात नियमों के पालन को लेकर कदम उठाया है।
इसके तहत अत्याधुनिक यातायात प्रबंधन प्रणाली (एटीएमएस) का उपयोग किया जा रहा है।
एनएचएआई ने जारी किया अधिकारिक बयान
एक अधिकारिक बयान में मंगलवार को कहा गया कि जो बदलाव किये गये हैं।
उसमें पुराने वीआईडीएस (वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम) कैमरों की जगह ‘वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन एंड एनफोर्समेंट सिस्टम’ (वीआईडीईएस) का उपयोग शामिल है।
नये अत्याधुनिक कैमरों में 14 अलग-अलग घटनाओं की पहचान करने की क्षमता है।
कैमरों की सहायता से होगी पहचान
इसमें दोपहिया वाहनों पर तीन लोगों का बैठना, हेलमेट और सीटबेल्ट का उपयोग नहीं कर नियमों का उल्लंघन, गलत लेन या दिशा में गाड़ी चलाना, राजमार्ग पर जानवरों की उपस्थिति और पैदल यात्री का सड़क पार करना शामिल हैं।
मोबाइल ऐप जरिए मिलेंगी सूचनाएं
बयान के अनुसार, घटना के आधार पर नये कैमरे रास्ते में निगरानी का काम कर रहे वाहनों या एम्बुलेंस को अलर्ट करेंगे, ई-चालान सृजित करें, समीप के ‘वैरिएबल मैसेजिंग बोर्ड पर अलर्ट जारी करेंगे या पास के यात्रियों को ‘राजमार्गयात्रा’ मोबाइल ऐप के माध्यम से सूचनाएं भेजेंगे।
कमांड और नियंत्रण केंद्र बनाए जाएंगे
बयान के अनुसार, व्यापक कवरेज के लिये इन कैमरों को राष्ट्रीय राजमार्गों पर हर 10 किलोमीटर पर स्थापित करने की योजना है।
हर 100 किमी पर अत्याधुनिक कमांड और नियंत्रण केंद्र विभिन्न कैमरों से मिली सूचना या जानकारी को एकीकृत करेंगे।
कैमरों का उपयोग होगा बेहतर
इसके अलावा, वाहन की गति का पता लगाने वाली प्रणाली (वीएसडीएस) को अब वीआईडीईएस से जोड़ा गया है।
यह स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरों के उपयोग को बेहतर बनाएगा। बयान के अनुसार, यातायात निगरानी कैमरा प्रणाली (टीएमसीएस) को भी उन्नत बनाया जाएगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर हर एक किलोमीटर पर स्थित ये कैमरे दुर्घटनाओं और रुके हुए वाहनों का स्वचालित पता लगाने जैसी उन्नत क्षमताओं से युक्त हैं।
यातायात एजेंसियों के साथ मजबूत होगा सहयोग
इसके साथ, स्थानीय यातायात एजेंसियों के साथ सहयोग को मजबूत करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यातायात पुलिस प्रतिनिधियों के लिये कमांड और नियंत्रण केंद्र में अलग से कार्यस्थान उपलब्ध कराएगा।
इसके अलावा, नेटवर्क पर कैमरे की जानकारी साझा करने का भी प्रावधान किया गया है ताकि वास्तविक समय पर समन्वय हो सके और उससे निपटने के लिये उपाय किये जा सके।
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