आज के समय में यातायात के सबसे बड़े साधन की बात करें तो भारतीय रेलवे का नाम सबसे पहले आएगा। एक स्थान से दूसरे स्थान तक आरामदायक सफर करने के लिए रेलवे सबसे आसान साधान बन गया है। भारतीय रेल ही एक ऐसा विकल्प है जो देशभर के शहर और गांवों तक लोगों को जोड़े हुए रखा है। भारतीय रेल में आपने तो सफर किया ही होगा, और जब आप किसी रेलवे स्टेशन पर गए होंगे तो आपने एक आवाज जरूर सुनी होगी, “यात्रीगण कृप्या ध्यान दे”, गाड़ी नंबर… प्लेटफॉर्म क्रमांक… पर आ रही है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर यह आवाज किसकी है। आपने अभीतक तो यह आवाज सुनी होगी, लेकिन यह आवाज हैं किसकी यह नहीं सुना होगा। तो आइए आपको बताते है…
20 सालों हो रहा अनाउंसमेंट
दरअसल, यह आवाज 20 सालों से यात्रियों के कानों में गूंज रही है। यह आवाज एक महिला की है। जिसका नाम है सरला चौधरी, जो भारतीय रेलवे में साल 1986 में रेलवे में अनाउंसमेट के पद पदस्थ हुई थी। हालांकि सरला इस पद पर अब नहीं हैं लेकिन उनकी आवाज आज भी देश के हर रेलवे स्टेशनों में सुनाई देती है। सरला चौधरी को पहले अस्थाई नौकरी पर रखा गया था लेकिन बाद में उन्हें स्थाई कर दिया गया। पहले रेलवे स्टेशनों पर जाकर अनाउंसमेंट करना होता था, उन्हें सही समय पर रेलवे स्टेशनों पर जाकर उनाउंसमेंट करना होता था। क्योंकि उस समय आवाज रिकॉर्ड करने में तीन से चार दिन लगते थे और कई भाषाओं में रिकॉर्ड करना होता था।
सरला चौधरी की आवाज को रेलवे ने स्टैंड बाय मोड पर सेव कर लिया था। इसके बाद करीब 12 साल पहले सरला चौधरी ने अनाउंसमेंट का काम छोड़ दिया और ओएचई विभाग में ऑफिस सुप्रीटेंडेंट पद पर पोस्टेड हो गईं। इसके बाद उनकी स्टैंड बाय मोड पर सेव की गई आवाज का उपयोग किया गया, जो आज भी हमे सुनाई देती है।