नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को विपक्षी दलों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लड़ाई में हाथ मिलाने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें यह फैसला करना होगा कि वे सत्तारूढ़ पार्टी के साथ हैं या उसके खिलाफ हैं। उन्होंने और उनके पिता लालू प्रसाद ने मोदी सरकार पर प्रहार तेज कर दिए हैं। राजद अध्यक्ष प्रसाद ने भाजपा पर समाज का ‘‘साम्प्रदायीकरण’’ करने और ‘‘संविधान को नष्ट’’ करने का आरोप लगाया।
यादव ने सत्तारूढ़ पार्टी के एक सांसद के मुस्लिमों का बहिष्कार करने के कथित भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि क्या होगा जब विदेशों में, ज्यादातर मुस्लिम देशों में काम कर रहे भारतीयों के साथ भी ऐसा ही सुलूक किया जाएगा। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने तालकटोरा स्टेडियम में बड़ी संख्या में एकत्रित लोगों से पिछड़ों और दलितों तक पहुंचने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘‘आपको कतार के अंतिम व्यक्ति की रक्षा करनी होगी। व्यवहार में बदलाव लाने की आवश्यकता है।’’
राजद के विरोधी पार्टी के शासन को खराब कानून एवं व्यवस्था की स्थिति से जोड़ते हैं और आरोप लगाते हैं कि उसके समर्थक सत्ता में रहते हुए अन्य जातियों को दबाने की कोशिश करते हैं। यादव ने कहा, ‘‘राजद सभी की पार्टी है। यह हर किसी की पार्टी है।’’ उन्होंने भाजपा पर बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए साम्प्रदायिक आधार पर समाज को बांटने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा नेता 75 वर्ष में देश में चाय की एक दुकान से सर्वोच्च शासकीय पद तक पहुंचने वाले पहले व्यक्ति हैं जबकि उनके आठ साल के कार्यकाल में इंजीनियरिंग तथा अन्य डिग्री धारकों को चाय की दुकानों पर काम करने के लिए विवश होना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि देश को बर्बाद किया जा रहा है और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का संविधान लागू किया जा रहा है। गैर-भाजपा दलों के बीच एकता का आह्वान करते हुए यादव ने कहा कि सभी विपक्षी दलों और नेताओं को सत्तारूढ़ पार्टी से लड़ने के लिए अपने अहंकार तथा निजी हितों को किनारे रखना होगा।