Big action on the collector जिला न्यायालय ने कलेक्टर के नाम कुर्की वारंट जारी कर दिया है। यह वारंट एक दुकानदार की याचिका पर जारी किया गया है। मामले में 15 साल बाद भी दुकान से लिए गए सामान का भुगतान न किए जाने पर यह फैसला सुनाया गया, जिसमें कलेक्टर के नास से कुर्की वारंट जारी किया गया है।
दुकानदार ने कोर्ट में याचिका लगाई थी कि सिंघानिया स्टोर के 1 लाख 7 हजार रुपए का भुगतान नहीं किया गया है। मामले में 15 साल बाद भी भुगतान नहीं किए जाने के मामले में जिला न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कलेक्टर की कार और शासकीय संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया है। यह मामला जांजगीर चांपा का है। जहां जिला न्यायालय ने कलेक्टर के नाम जारी कुर्की वारंट में कलेक्टर की कार व अन्य शासकीय संपत्ति को कुर्की करने का आदेश दिया है। बताया गया कि जिला न्यायालय से अधिकारी भी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे।
2007 का था मामला
जानकारी के अनुसार वर्ष 2007 में कलेक्टर ने सिंघानिया जनरल स्टोर से 1 लाख 7 हजार का सामान कलेक्टर बाढ़ राहत शाखा में किया सप्लाई किया था। जिसका भुगतान पाने के लिए दुकान संचालक द्वारा बार-बार कहा जा रहा था। लेकिन कलेक्टर के दफ्तर के बार-बार चक्कर काटने पर भी। 15 साल बाद भी उसे भुगतान हीं मिल सका। दुकान संचालक ने इसके बाद कोर्ट में याचिका दायर की थी। अब मामले में फैसला सुनाते हुए जिला न्यायालय ने भुगतान के बदले कलेक्टर की शासकीय संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी किया है। वहीं इस संबंध में अतिरिक्त कलेक्टर एस पी बैध ने का कहना है कि मामले के संबंध में जानकारी ली जाएगी।