भोपाल। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन की जानकारी मिलते ही पूरे देश में शोक की लहर छा गई है। आज शाम 84 साल की उम्र में प्रणब मुखर्जी ने अंतिम सांस ली। वो पिछले कई दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। बीते दिनों प्रणब मुखर्जी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, उनकी सर्जरी भी हुई थी। प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन की जानकारी दी। पूर्व राष्ट्रपति के निधन की जानकारी मिलते ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज और सभी राजनीतिक नेताओं ने ट्वीट कर शोक जताया है। गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी साल 2012 देश के राष्ट्रपति बने थे, 2017 तक वो राष्ट्रपति रहे। साल 2019 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
पूरी तैयारी के साथ जवाब देते थे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा कि प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरा देश दुखी है, वह एक स्टेट्समैन थे. जिन्होंने राजनीतिक क्षेत्र और सामाजिक क्षेत्र के हर तबके की सेवा की है। प्रणब मुखर्जी ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान आर्थिक और सामरिक क्षेत्र में योगदान दिया। वह एक शानदार सांसद थे, जो हमेशा पूरी तैयारी के साथ जवाब देते थे।
सीएम शिवराज ने ट्वीट कर जताया दुख
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज ने ट्वीट कर लिखा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति मा. श्री प्रणब मुखर्जी के निधन के समाचार को सुनकर अत्यंत दु:ख हुआ। आज मां भारती ने अपने एक गुणी और राष्ट्र के लिए समर्पित पुत्र को खो दिया। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। ॐ शांति!
राष्ट्रपति ने ट्वीट कर जताया शोक
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर शोक जताया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा कि पूर्व राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। श्री प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लिखा कि सार्वजनिक जीवन में विराट कद हासिल करने वाले प्रणब दा ने भारत माता की सेवा एक संत की तरह की। देश के एक विलक्षण सपूत के चले जाने से समूचा राष्ट्र शोकाकुल है। असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न श्री मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था।
राष्ट्रपति भवन के द्वार जनता के लिए खोल दिए
5 दशक के अपने शानदार सार्वजनिक जीवन में, अनेक उच्च पदों पर आसीन रहते हुए भी वे सदैव जमीन से जुड़े रहे। अपने सौम्य और मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र में वे सर्वप्रिय थे। भारत के प्रथम नागरिक के रूप में, उन्होंने लोगों के साथ जुड़ने और राष्ट्रपति भवन से लोगों की निकटता बढ़ाने के सजग प्रयास किए। उन्होंने राष्ट्रपति भवन के द्वार जनता के लिए खोल दिए। राष्ट्रपति के लिए ‘महामहिम’ शब्द का प्रचलन समाप्त करने का उनका निर्णय ऐतिहासिक है।
ऑपरेशन किया गया था
प्रणव मुखर्जी को गत 10 अगस्त को सेना के रिसर्च एंड रैफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल ने जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया था कि प्रणव मुखर्जी की हालत में रविवार के बाद से गिरावट दर्ज की गई थी। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को फेफड़े में संक्रमण के कारण उनके कुछ अन्य अंगों की कार्यप्रणाली भी प्रभावित हो रही थी। वे लगातार गहरी बेहोशी में और वेंटीलेटर पर थे। आपको बता दें पूर्व राष्ट्रपति के मस्तिष्क में जमे खून के थक्के को हटाने के लिए पिछले दिनों उनका ऑपरेशन किया गया था।
सीएम भूपेश बघेल ने जताया शोक
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लिखा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता, पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न प्रणब मुखर्जी जी के निधन का समाचार दुःखद है। उनका जाना हम सबके लिए राष्ट्रीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। इस दुःख की घड़ी में हम सब उनके परिवारजनों के साथ हैं।