साल 1974 में एक फिल्म आई थी कुंवारा बाप, इस फिल में एक रिक्शेवाला एक बच्चे की मां की तरह देखभाल करता है, इसके बाद दूसरी फिल्म आई मिस्टर मम्मी, जिसमें मशहूर अभिनेता रितेश देशमुख मां बने थे। फिल्म में उन्हें प्रेग्नेंट होते दिखाया गया था। लेकिन यह तो फिल्मी कहानियां है, लेकिन ऐसा सच में हो सकता है। जी हां हैरान होने की जरूरत नही है। अब पुरूष भी एक बच्चे को जन्म दे सकते है। वैज्ञानिक इस प्रयोग में काम कर रहे है। लगातार इस पर रिसर्च जारी है। उम्मीद जताई जा रही है कि ऐसा जल्द संभव हो सकता है।
यूट्रस ट्रांसप्लांट की परिकल्पना
महिला और पुरुषों में रिप्रॉडक्टिव अंगों में अंतर होता है। प्रेग्नेंसी के लिए महिलाओं के शरीर में एक जरूरी अंग होता है- यूट्रस यानी गर्भाशय, जो पुरुषों में नहीं होता। पर सवाल उठता है कि आखिर पुरूष केसे प्रेग्नेंट होगा। बायोएथिक्स के जानकार जोसेफ फ्लेचर ने दशकों पहले 1974 में ही पुरुषों में यूट्रस ट्रांसप्लांट की परिकल्पना की थी। अपनी किताब ‘द एथिक्स ऑफ जेनेटिक कंट्रोल’ में इसका आइडिया दिया था। उनका कहना था कि यूट्रस ट्रांसप्लांट के जरिये पुरुष बच्चे पैदा कर सकते हैं। यहां तक कि ब्रेस्ट के निप्पल्स और ग्लैंड्स में समानता के कारण वे बच्चों को अपना दूध भी पिता सकते हैं। वैज्ञानिकों के एक वर्ग का मानना है कि साइंस ने जितनी तरक्की कर ली है, उसमें पुरुषों के प्रेग्नेंट होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
एक अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार, रिप्रॉडक्टिव एंडोक्रिनोलॉजिस्ट मानते हैं कि इन्फर्टिलिटी की समस्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में बच्चे पैदा करने की जिम्मेदारी पुरुषों को भी उठानी होगी। हालांकि इसमें समय लग सकता है। पुरुषों की प्रेग्नेंसी की राह में कई चुनौतियां हैं। जैसे- उनमें प्रेग्नेंसी के लिए जरूरी हार्मोंस की पर्याप्त मात्रा नहीं होती। दूसरी चुनौती- पुरुषों में महिलाओं की तरह रिप्रॉडक्टिव सिस्टम नहीं होता। तीसरी, यूट्रस और ओवरी जैसे अंग पुरुषों में नहीं होते।
विशेषज्ञों के अनुसार, पुरुषों की प्रेग्नेंसी के लिए यूटेराइन ट्रांसप्लांट जरूरी है। इसमें यूट्रस, सर्विक्स, वेजाइनल कफ जैसे ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट करने होंगे। फिर इन्हें कनेक्टिव टिश्यूज, व्हेन्स से कनेक्ट करना होगा। फिर पेनियल इन्वर्जन प्रोसीजर की प्रक्रिया. चुनौती ये भी है कि पुरुषों के शरीर में यूट्रस के लिए पहले से स्पेस नहीं होता। ऐसे में सर्जरी से स्पेस बनानी होगी। पूरी प्रक्रिया में लंबा समय भी लगेगा। यूटेराइन ट्रांसप्लांट सफल हुआ तो अपने स्पर्म का इस्तेमाल कर ही पुरुष आईवीएफ के जरिये प्रेग्नेंट हो पाएंगे। फिर सिजेरियन ऑपरेशन से पुरुष बच्चे को जन्म दे सकेंगे।